एनजीटी ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को फटकार लगाई, दस दिन में रिपोर्ट जमा करने का दिया आदेश
नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी ) ने 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कोस्टल जोन मैनेजमेंट प्लान (सीजेडएमपी) के लिए विस्तृत स्थिति रिपोर्ट को अंतिम रुप देने में देरी को लेकर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को फटकार लगाई है और रिपोर्ट जमा करने का अंतिम मौका देते हुए दस दिन का वक्त दिया है।
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एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह मामला खासा महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह देश के पूरे तटीय इलाके से जुडा है।
पीठ ने कहा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि उन्हें पूरे निर्देश नहीं मिल पाए इसलिए अधिकरण के आदेश के पालन के संबंध में उपयुक्त हलफनामा दायर नहीं किया जा सकता। पीठ ने आगे कहा, उन्होंने और वक्त देने का अनुरोध किया। उनके अनुरोध को अस्वीकार करने का कोई कारण नहीं दिखा। हालांकि यह मामला खास महत्व रखता है क्योंकि 13 राज्यों में पडने वाले पूरे तटीय क्षेत्र से जुडा है इसलिए हम मंत्रालय को हलफनामे के जरिए पूरी स्थिति रिपोर्ट जमा करवाने का अंतिम मौका देते हैं जिसमें भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त मंजूरियां और रक्षा मंत्रालय से प्राप्त अनुमति शामिल हों।
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हरित प्राधिकरण ने मंत्रालय को दस दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख चार अक्तूबर तय की।
मेहदाद नाम के व्यक्ति और कुछ अन्य लोगों ने याचिका दायर कर विभिन्न राज्यों तथा पुडुचेरी, लक्षद्वीप, दमन-दीव आदि केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जल्द से जल्द सीजेडएमपी बनाने की मांग की थी।
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