चौथी बार नामंजूर हुई नीरव मोदी की जमानत याचिका, जज बोले- सबूतों से हो सकती है छेड़छाड़

Update: 2019-06-12 09:45 GMT

लखनऊ। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले मामले में आरोपी और भगोड़े नीरव मोदी को लंदन की अदालत से झटका लग गया है। अदालत ने नीरव को जमानत देने से मना कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए जज ने नीरव को पर कड़ी टिप्पणी की। उन्‍होंने शक जताते हुए कहा कि अगर बेल मिली तो सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है।

मामले की सुनवाई के दौरान जज ने नीरव मोदी के वकील को भी फटकारा और कहा यह मानने का ठोस आधार है कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद फिर से कानून के आगे समर्पण नहीं करेगा। इस बात पर भी यकीन नहीं कर सकते कि बेल मिलने पर किसी सबूत को नष्ट नहीं करेगा।

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इस दौरान जज ने कहा कि याचिकाकर्ता पर कई देशों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, ऐसे में जमानत देना ठीक नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह चौथी बार है जब नीरव मोदी की जमानत अर्जी को खारिज किया गया हो।

वेस्टमिंस्टर कोर्ट से तीन बार नीरव की याचिका खारिज होने के बाद 31 मई को हाईकोर्ट में चौथी अर्जी लगाई थी। हाईकोर्ट में नीरव की याचिका पर बीते मंगलवार (11 जून) को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा था कि फैसले के लिए वक्त चाहिए, इसलिए बुधवार की तारीख दी। नीरव 86 दिन से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। 19 मार्च को उसकी गिरफ्तारी हुई थी।

क्या है पीएनबी घोटाला?

11,400 हजार करोड़ का पीएनबी घोटाला देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जाता है। नीरव के खिलाफ दर्ज चार्जशीट के मुताबिक, पीएनबी से फर्जी एलओयू के माध्यम से दुबई और हॉन्ग कॉन्ग स्थित शेल कंपनियों के अकाउंट में नीरव मोदी को पैसा मिला। एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग, यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक खातेदार को पैसा मुहैया करा देते हैं। इस घोटाले में नीरव के मामा मेहुल चौकसी भी शामिल है।

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