'One Nation One election' को लेकर सर्वदलीय बैठक, कांग्रेस करेगी बहिष्कार

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं होगी। इसके अलावा बीएसपी, टीएमसी, आप सहित कई अन्य दलों ने भी इस बैठक का विरोध किया है। वहीं शरद पवार की एनसीपी और वाम दलों ने बैठक में शामिल होने का फैसला किया है।

Update: 2019-06-19 09:07 GMT
सर्वदलीय बैठक (फाइल फोटो)

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए बुधवार शाम को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं होगी। इसके अलावा बीएसपी, टीएमसी, आप सहित कई अन्य दलों ने भी इस बैठक का विरोध किया है। वहीं शरद पवार की एनसीपी और वाम दलों ने बैठक में शामिल होने का फैसला किया है। इस बैठक में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के अलावा अन्य कुछ मुद्दों पर भी विपक्षी और अन्य दलों से चर्चा होगी, जिसमें तीन तलाक बिल शामिल है।

लंबे समय से चली आ रही है मांग

बीजेपी सरकार काफी लम्बे समय से 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए अपने प्रस्ताव रखती आ रही है। 2014 में बीजपी के सत्ता में आने के बाद से इस मुद्दे ने जोर पकड़ा था। तब प्रस्ताव सामने आया था कि देश में आम चुनाव, विभिन्नत राज्योंे में प्रस्ताजवित विधानसभा चुनावों के साथ ही संपन्नम कराए जा सकते हैं।

2019 में बीजेपी के दूसरी बार एतिहासिक जीत के बाद 'एक राष्ट्र एक चुनाव' का मुद्दा दुबारा उठा है। सरकार ने यह बात साफ कर दी है कि इस मुद्दे पर कोई भी फैसला सभी दलों के सलाह के बाद ही लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए 19 जून को सभी राजनैतिक दलों के अध्यक्ष की बैठक बुलाई है।

कांग्रेस करता रहा है विरोध

कांग्रेस हमेशा से 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के खिलाफ रही है। पिछले साल अगस्त में भी कांग्रेस ने इसका सख्त विरोध किया था और इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम समेत अन्य नेताओं ने विधि आयोग के समक्ष असहमति जताई थी। कांग्रेस का कहना था कि एक साथ चुनाव भारतीय संघवाद की भावना के खिलाफ है।

(भाषा से इनपुट के साथ) 

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