देश की मिट्टी में रचे बसे देसी बीज ही बचाएंगे खेती, बढ़ाएंगे किसान की आमदनी

हरित क्रांति के दुष्परिणामों के बाद खेती के तरीकों में बदलावों के बीच जैविक खेती की बात हो रही है और पुराने बीजों पर भरोसा जताया जा रहा है, खेती के बदलते स्वरूप पर गाँव कनेक्शन की विशेष सीरीज .. 'खेती में देसी क्रांति'

Update: 2018-09-04 07:34 GMT

कृषि जानकार मानते हैं पारंपरिक बीजों में अपेक्षाकृत कम पैदावार होती थी, लेकिन उनमें संवर्धित करके बेहतर बीज बनाए जा रहे हैं। ये बीज बेहतर उपज तो देते हैं लेकिन इनके अंदर के देसी गुण खत्म नहीं होते हैं। पिछले वर्षों में देश में साभा महसूरी धान की एक नई किस्म विकिसत की गई थी, छत्तीसगढ़ की एक जंगली किस्म से विकसित की गई थी। सीएसआईआर और आईआरआरआई के ने संयुक्त प्रयास से बैक्टीरियल ब्लाइट प्रतिरोधी धान की किस्म उन्नत साम्बा महसूरी विकसित की है। यह किस्म अलग-अलग बैक्टीरियल ब्लाइट रोगजनकों से प्रतिरोधी है। इसका उत्पादन भी ज्यादा है। सब्जियों की भी कई किस्में ऐसे ही तैयार की गई है।




 



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