सावधान: कहीं आप भी 15 अगस्त को साइकिल या हेलमेट लेने के चक्कर में तो नहीं हैं?
सोशल मीडिया पर दो चीजें प्रधानमंत्री मुफ्त में देने वाले हैं कहीं आप भी आप उन चीजों को लेने के लिए नहीं जा रहे हैं।
फ्री का नाम सुनते ही कौन आगे नहीं आ जाता है और वो चीज जो प्रधानमंत्री जी खुद देने वाले हो तब तो लोग दौड़ के उसे लेने के लिए आगे आते हैं। सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से चल रही है कि प्रधानमंत्री मुफ्त में हेलमेट और साइकिल देने वाले हैं। कहीं आप उन चीजों को लेने के लिए नहीं जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत बांटी जाने वाली फ्री चीज़ों की बाढ़ आई हुई है। 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री सड़क सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त हेलमेट और प्रधानमंत्री साइकिल योजना के तहत मुफ्त साइकिलें बांटी जाएंगी- यह मैसेज सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जो कि झूठा है। आपके पास अगर कोई ऐसा मैसेज आता है तो उसमें पूछी गई जानकारी को न ही भरें और न ही उस मैसेज को आगे बढ़ाएं।
साइकिल और हेलमेट बांटे जाने की योजना की जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि केंद्र सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। इसके अलावा इन मैसेज के साथ जिन वेबसाइट्स की लिंक दी गई है, उसमें '.com' का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन सरकारी वेबसाइट्स में हमेशा '.gov.in' या '.nic.in' का इस्तेमाल किया जाता है।
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व्हाट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर के जरिए फैलाए जा रहे मैसेज में ये भी दावा किया जा रहा है कि मुफ्त हेलमेट और मुफ्त साइकिलों को क्षेत्र में नजदीकी सरकारी स्कूलों में 15 अगस्त 2018 को बांटा जाएगा। दोनों मैसेज में ये भी कहा गया है कि इन्हें अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और ग्रुप्स में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे कि सभी छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकें। ये मैसेज एकदम झूठा है इसपर आप विश्वास ना करें।
इस साइट ने खुद को असली दिखाने के लिए अपने पोस्टर में पीएम मोदी की तस्वीर के साथ साइकिल वाली खबर में साइकिल और हेलमेट वाली खबर में हेलमेट छपा है। साथ ही इस पोस्टर को वहीं रंग दिया, जिसे भाजपा पार्टी अपने अधिकतर पोस्टर में यूज करती है। फ्री साइकिल के लिए लोगों से उनका नाम, पिता का नाम, स्कूल का नाम, कक्षा, पता और राज्य का नाम जैसी कई जानकारी मांगी गई। इसके अलावा इतना उनसे इस संदेश को आगे भेजने का अनुरोध भी किया गया है।
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क्या है खतरा और क्यों करती हैं वेबसाइट ऐसा?
इस तरह की वेबसाइट पैसे कमाने के लिए ही ऐसे फेक मैसेज फैलाती हैं। क्योंकि इन वेबसाइट पर एड (विज्ञापन) रहते हैं और जितने ज्यादा हिट्स आते हैं, उतनी ज्यादा कमाई होती है।
ऐसी वेबसाइट पर अपनी जानकारी देने का सबसे बड़ा खतरा यही है कि इनका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसी वेबसाइट हैकर्स लोगों का डेटा लेने के लिए भी करते हैं और उनकी जानकारी मिलते ही इसका गलत इस्तेमाल करते हैं।
दरअसल, लोगों के नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि जैसी जानकारियों को जोड़कर उनके पासवर्ड का पता लगाया जा सकता है। आमतौर पर लोग भी अपने पासवर्ड अपना नाम, पिता का नाम या जन्मतिथि ही रखते हैं, इसलिए इस तरह की वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी देने से बचें।
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