पानी का वाष्पीकरण रोकने के लिए मंत्री जी ने निकाली अनोखी तरकीब, जलाशय को 10 लाख के थर्माकोल से ढका

Update: 2017-04-23 09:23 GMT
पानी को उड़ने से बचाने के लिए जलाशय में थर्माकोल बिछाते मंत्री।

नई दिल्ली। सूखे का दंस झेल रहा दक्षिण भारत का तमिलनाडु राज्य पानी बचाने के लिए हर तरह से कोशिश कर रहा है। राज्य के किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली में रहकर केंद्र सरकार के समक्ष प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को किसानों ने प्रदर्शन के दौरान मूत्र पिया। वहीं, राज्य के सहकारिता मंत्री सेल्लुर राजू ने पानी को बचाने के लिए एक अनोखा रास्ता निकाला है। उन्होंने पानी को बचाने के लिए वैगई डैम पर थर्माकोल तैरा दिए ताकि पानी को वाष्पी करण (उड़ने) से बचाया जा सकते।

बांध के 10 स्क्वायर किलोमीटर को कवर करने के लिए लाए गए थर्माकोल शीट्स पर 10 लाख रुपए खर्च हुए। थर्माकोल को आपस में टेप से जोड़कर फिर से इसे पानी में डाला गया। पानी को उड़ने से बचाने के लिए प्लान तैयार किया गया और इस प्लान को दो डीएम ने मंजूरी भी दे दी। यह सब करने के पीछे तर्क था कि पानी को उड़ने से बचाया जा सके। हालांकि सहकारिता मंत्री का यह प्लान फेल साबित हुआ।

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फेल हो गई तरकीब

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पानी बचाने के लिए बिछाई गई थर्माकोल की शीट्स मिनटों में बांध के किनारे पर आ गई। जिसे लेकर मंत्री और प्रशासन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। सेल्लुर राजू ने कहा कि यह सारा प्रयास पानी बचाने के लिए किया गया था। कहा जा रहा है कि यह आइडिया कैलिफोर्निया के सिलमर झील जलाशय (Sylmar Lake reservoir) में चार इंच की प्लास्टिक बॉल्स को पानी में डाला गया था ताकि ये बॉल पानी पर तैरकर पानी को भाप बनने से रोकेंगी। इन बॉल्स को शेड बॉल्स कहा जाता है। हालांकि राजू ने अभी भी हार नहीं मानी है। थर्माकोल का प्लान फेल होने के बाद अब उन्होंने पानी में रबर की गेंद तैराने की फैसला किया है।

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पूरा प्रदेश झेल रहा सूखे की मार

गौरतलब है कि तमिलमाडु में पानी की समस्या बनी रहती है। इसके अलावा सूखा पड़ने से वहां की हालत ने और विकराल रूप ले लिया है। तमिलनाडु के सूखा पीड़ित किसान पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन का ध्यान अपनी बदहाली की ओर खींचने के लिए गले में खोपड़ी पहनने से लेकर सड़क पर सांभर-चावल और मरे हुए सांप-चूहे खाने तक, इन किसानों ने कई सांकेतिक तरीकों का सहारा लिया। सूखे के कारण उनकी फसल मारी गई है। इन किसानों की मांग है कि सरकार उनके लिए सूखा राहत पैकेज जारी करे।

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