अगर आप आधार को प्लास्टिक कार्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसा करने से आपका डाटा गलत हाथों में जा सकता है। साथ ही आधार का क्यूआर भी काम करना बंद कर सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने इसके इस्तेमाल को लेकर नागरिकों को चेताया है।
यूआईडीएआई ने जारी बयान में कहा है कि आधार का नंबर या उसका प्रिंट ही पूरी तरह से मान्य है। उसके लिए किसी भी नागरिक को प्लास्टिक कार्ड बनवाने की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि यूआईडीएआई को लगातार ये शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोग 70 से 300 रुपए लेकर लोगों के प्लास्टिक आधार बना रहे हैं जो कि अनावश्यक है।
प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड अक्सर गैर-जरूरी होते हैं। इसकी वजह यह है कि गैर-अधिकृत प्रिंटिंग से क्विक रेस्पांस (क्यूआर) कोड आमतौर पर काम करना बंद कर देते हैं। बयान के अनुसार, 'इसके अलावा यह भी आशंका है कि आप की मंजूरी के बिना ही गलत तत्वों तक आपकी निजी जानकारी साझा हो जाए।
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