महिला सुरक्षा के लिए बजट 50 करोड़ से बढ़कर 855 करोड़ रुपए हुआ

महिलाओं के साथ हिंसा की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार बजट 16 गुना बढ़ा दिया है।

Update: 2020-02-01 14:03 GMT

लखनऊ। देशभर में अपराधों को दर्ज़ करने वाली संस्था राष्ट्रीय क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में कुल 3.59 लाख महिलाओं पर हिंसा के मामले दर्ज हुए।

महिला सुरक्षा ये लिए इस बार बजट 16 गुना ज्यादा बढ़ा है। जबकि पिछले तीन वर्षों से लगातार हर साल ये बजट 50 करोड़ रुपए ही था। सुरक्षा के नाम पर इतना ज्यादा बजट बढ़ाना महिलाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है।

राष्ट्रीय क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार 2017 की जारी रिपोर्ट भारत में महिला सुरक्षा पर गम्भीर सवाल खड़े करती है। आंकड़े यह दर्शाते हैं कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले वर्ष 2015 में 3.2 लाख था, वर्ष 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किये गये वहीं वर्ष 2017 में 3,59,849 मामले दर्ज हुए हैं। 

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-2021 का आम बजट पेश करते हुए महिला सुरक्षा से सम्बन्धित योजनाओं के लिए 855 करोड़ रुपए कर दिए हैं। वहीं महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए 1163 रुपए किए हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए कुल बजट 10005 करोड़ रुपए किया गया है।        

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