उत्तराखंड सरकार ने मेधावियों के लिए आरंभ की सुपर 30 योजना 

Update: 2017-07-06 23:43 GMT
उत्तराखंड सरकार ने शुरू की सुपर 30 योजना 

देहरादून। उत्त्तराखंड में तीस मेधावी छात्र-छात्राओं को आईआईटी जैसे संस्थानों में दाखिले के लिए तैयारी नि:शुल्क करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुपर 30 योजना आरंभ की गई है।

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में राज्यमंत्री उच्च शिक्षा डॉ. धनसिंह रावत ने हिमालयन यूनिवर्सिटी जौलीग्रांट में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराते हुए कहा कि इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक जिले में एक महाविद्यालय चुना जाएगा, जहां सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक छात्रों को कोचिंग राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। यहां जारी एक सरकारी विजप्ति के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है, कि प्रत्येक वर्ष सौ मेधावी परास्नातक छात्रों को पीएचडी के लिए चुना जाएगा तथा उन्हें आर्थिक सहायता की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सभी महाविद्यालयों में तिरंगा फहराना, राष्ट्रगीत तथा राष्ट्रगान लागू कर दिया गया हैं तथा तैंतीस महाविद्यालयों ने प्रसन्नता से ड्रेस कोड को अपना लिया है।

इसके अलावा, हर कॉलेज में शौर्य दीवार का निर्माण किया जाएगा जिससे छात्र अपने वीर जवानों से परिचित हों तथा प्रेरणा लें। कार्यक्रम में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि जिस प्रकार हमारी परंपरा में पित्रों के ऋण को चुकाने की बात है, उसी प्रकार शिक्षित तथा सफल होने के बाद हमें गुरजनों तथा शिक्षा का ऋण समाज के अन्य अशिक्षित लोगों को शिक्षित कर चुकाना चाहिए। उन्होंनें कहा कि उत्तराखंड निवासी प्रतिशत साक्षर राज्य है, परंतु आज भी ग्यारह प्रतिशत लोग अशिक्षित है अत: मेधावी छात्रों को इस दिशा में योगदान देना होगा।

सुपर 30 के हीरो को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से आया था बुलावा, जा नहीं सके

बिहार के पटना से ताल्लुक रखने वाले आनंद कुमार के पिता पोस्टल डिपार्टमेंट में क्लर्क की नौकरी करते थे। घर की माली हालत अच्छी न होने की वजह से उनकी पढ़ाई हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल में हुई जहां गणित के लिए लगाव हुआ था। यहां उन्होंने खुद से मैथ्स के नए फॉर्मुले ईजाद किए।

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ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने नंबर थ्योरी में पेपर सब्मिट किए जो मैथेमेटिकल स्पेक्ट्रम और मैथेमेटिकल गैजेट में पब्लिश हुए। इसके बाद आनंद कुमार को प्रख्यात कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एडमीशन के लिए बुलाया गया लेकिन पिता की मृत्यु और तंग आर्थिक हालत के चलते उनका सपना साकार नहीं हो सका।

डिस्कवरी बना चुका है डॉक्युमेंट्री

डिस्कवरी चैनल ने आनंद कुमार पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई है। अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स में भी इनकी बायोग्राफी प्रकाशित हो चुकी है। आनंद कुमार को प्रो यशवंतराव केलकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं। आनंद कुमार को बिहार गवर्नमेंट ने अब्दुल कलाम आजाद शिक्षा अवार्ड से भी नवाजा है।

अंत में आनंद लिखते हैं कि आंसुओं से नज़रें चुराकर हंसने का हुनर देखना है तो सुपर 30 के आंगन में एक बार आइएगा जरूर।

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