आम बजट : कृषि ऋण का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ हुआ, वित्त मंत्री ने कहा-2022 तक किसानों की आमदनी करेंगे दोगुनी, पढ़िए बड़ी बातें

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा कि अगले साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करेंगे, इसके लिए कई ऐलान किए गए हैं, पढ़िए बजट की खास बातें...

Update: 2021-02-01 06:03 GMT
जानिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए क्या क्या है

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच में आए केंद्रीय बजट में सरकार ने कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए कई ऐलान किए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए बुनियादी ढाचें को मजबूत करने पर सरकार का जोर है। कृषि ऋण लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है तो सरकारी मंडियों को मजबूत करने के लिए भी बजट का ऐलान किया गया है। वहीं कुछ उत्पादों पर एग्रीकल्चर डेवलमपमेंट सेस लगाया जाएगा।

इस नए तरह के टैक्स से कोरोना काल में घोषित एक लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड को पोषित किया जाएगा, यानि उसके लिए बजट का इंतजाम किया जाएगा। जिसके लिए पेट्रोल पर 2.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर का उपकर लगाया है। लेकिन सरकार ने इन पर पहले से लागू उत्पाद शुल्क और विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क घटा दिया है। वित्त मंत्री ने कहा एग्रीकल्चर इंफ्रास्टैरक्चर सेस से उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

कृषि एवं उससे जुड़े सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट अनुमान 148301 करोड़ रुपए का है। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 154775 करोड़ रुपए था, जबकि संसोधित बजट 145355 करोड़ रुपए था वहीं साल 2019-20 का वास्तविक बजट 112452 करोड़ था 2020-21 में संसोधित उर्वरक सब्सिडी 133947 करोड़ थी जबकि 2021-22 में अनुमानित बजट 79530 रुपए है। यानि उर्वरक सब्सिडी कम हो गई है।

आंकड़ों से समझिए कृषि और उससे जुड़े सेक्टर और अनुभागों को कितना बजट हुआ आवंटित। ग्राफिक्स फराज, सोर्स बजट पीडीएफ

धान-गेहूं की एमएसपी पर खरीद बढ़ी- वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। "हमने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया है। वर्तमान में जो न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है वो लागत का डेढ़ गुना है। वित्त वर्ष 2021 में गेहूं की एमएसपी को लेकर 75,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, इससे 43 लाख से अधिक गेहूं उगाने वाले किसानों को फायदा हुआ।

वित्त मंत्री ने आंकड़ों के जरिए यूपीए और एनडीए सरकार में हुई एमएसपी पर खरीद का जिक्र भी किया है।  धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। धान की खरीद अभी जारी है और अब तक 172,752 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं," वित्त मंत्री ने बताया। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर धान ख़रीद से साल 2019-20 में 1.42 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था जबकि 2020-21 में 1.52 करोड़ किसानों को फायदा हुआ।

बजट की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को मजबूती देने, किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए इस बजट में बहुत जोर दिया गया है। किसानों को और आसानी से और ज्यादा ऋण मिल जाएगा। देश की मंडियों एपीएमसी को मजबूत करने के लिए उन्हें विकसित करने के लिए एग्रीफक्लचर इंफ्रास्टैक्टर से मदद का प्रावधान किया गया। जो ये बताते हैं कि इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं। प्रधानमंत्री मोदी की बजट पर

Speaking on #AatmanirbharBharatKaBudget. Watch. https://t.co/T05iiEjKLK

— Narendra Modi (@narendramodi) February 1, 2021
">प्रतिक्रिया यहां देखिए

बजट की सराहना करते हुए यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा एमएसपी के आंकड़ों से ये साफ हो गया है कि पिछले यूपीए शासन में किसानों की कितनी दुर्दशा थी। उनकी तुलना में दो गुना और ढाई गुना जबकि कुछ फसलों की 20 गुना तक खरीद हुई है। जितनी वो 5 साल में करते थे वो उनकी हमारी सरकार ने एक साल हुई है। इससे साफ होता है कि एमएसपी जारी रहेगी। ये बहुत समेतिक बजट है जिससे आम आदमी को लाभ मिलेगा।

माइक्रो इरीगेशन का बजट दोगुना

एमएसपी और कृषि ऋण के अलावा वित्त मंत्री ने माइग्रो इरीगेशन (सूक्ष्य सिंचाई) और ऑपरेशन ग्रीन क भी जिक्र किया। सूक्ष्य सिंचाई निधि योजना का बजट बढ़ाकर 5 हजार से 10 हजार करोड़ कर दिया गया है। जबकि आपरेशन ग्रीन में प्याज, टमाटर के अलावा जल्द खराब होने वाली 22 वस्तुओं को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य इन उत्पादनों को सड़ने से बचान और प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। संबंधित खबर यहां पढ़ें

वित्त मंत्री ने कहा कि E-NAM से देश के लभगग 1.68 करोड़ किसान जुडे हैं। और इस माध्यम से 1.14 लाख करोड़ का व्यापार किया गया है। 1000 और मंडियों को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के लिए इनाम से जोड़ा जाएगा। देश में पहले से 1000 मंडियां इनाम National Agriculture Market (eNAM) से जुड़ी हैं।  उद्योंगों के संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने 1000 मंडियों को E-NAM से जोड़ने और कृषि के लिए एग्रीकल्चर डेवलमपमेंट सेस का स्वागत किया है।

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किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि के साथ ही ग्रामीण विकास क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट राशि बढ़ाई गई है। ग्रामीम बुनियादी ढांचा विकास निधि को 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए किया जाएगा।

कपास पर सीमा शुल्क 0 से 10 फीसदी हुआ

वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए हम कपास पर सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 10 फीसदी और कच्चे रेशम और रेशम सूत पर 10फीसदी से बढ़ाकर 15%कर रहे हैं। डीनेचर्ड इथाइल अल्कोहल पर उद्दष्टि उपयोग आधारित छूट वापस ले रहे हैं। वर्तमान में मकई चोकर, राइस ब्रान ऑयल केक और एनिमल फीड एडिटिव जैसी वस्तुओं पर 15 फीसदी टैक्स है।

समुद्री मछली पालन पर जोर

कृषि जुड़े सेक्टर की बात करें तो इस बजट में नीली क्रांति पर जोर नजर आया। वित्त मंत्री ने कहा कि "हम आधुनिक मात्स्यिकी बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर के विकास में पर्याप्त निवेश के लिए प्रास्तव कर रहे हैं। शुरू में पांच मत्स्य बंदरगाहों- कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारदीप और पेटुआघाट को आर्थिक क्रियाकलापों के हब्स के रूप में विकास किया जाएगा। हम नदियों और जलमार्गों के किनारे अंतर्देशीय मत्स्य बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर का भी विकास करेंगे।" 

समुद्री मछली के कारोबार और पालन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि सीविड फॉर्मिग (seaweed fish farming) एक ऐसे क्षेत्र के रुप में उभर रहा है जिससे तटीय लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की क्षमता है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और आमदनी का जरिया बढ़ेगा। इसके लिए तमिलानाडु में एक बहुउद्देशीय सीवीड पार्क की स्थापना किए जाने का मेरा प्रस्ताव है।" वित्तमंत्री ने अगले पांच सालों के लिए डीप सी मिशन की भी घोषणा की जिसके लिए 400 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।  संबंधित खबर यहां पढ़ें-

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