बजट 2020-21: महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपए का प्रावधान
"बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का बहुत असर हुआ है। इस योजना के जरिए बाल अनुपात में बढ़ा अंतर देखने को मिला है। स्कूल में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की तादाद बढ़ी है।" वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा।
लखनऊ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दूसरे कार्यकाल के बजट में महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए रखा है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट 2020-2021 शनिवार को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लड़कियों की सही उम्र में शादी और बच्चे कब हों सरकार इस पर भी ध्यान दे रही है। छह महीने के अन्दर एक टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा जो इस मुद्दे पर रिपोर्ट बनाकर तैयार की जायेगी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। इस योजना के अच्छे परिणाम देखने को मिले है। सरकारी विद्यालयों में लड़कियों का दाखिला लड़कों से ज्यादा हुआ है। इस योजना के जरिए बाल अनुपात में भी बड़ा अंतर देखने को मिला है।
देश में 10 करोड़ परिवारों के पोषण का डेटा अपलोड किया गया है। पोषण से सम्बन्धित 10 करोड़ परिवारों का ध्यान रखा जायेगा। छह लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पास स्मार्ट फोन हैं जो पोषण सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराती हैं। बजट में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर ख़ास ध्यान दिया गया है। लड़कियों और महिलाओं के पोषण के लिए पोषाहार योजना के लिए 35 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये गये हैं।
2020-21 में पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव है: #Budget2020 प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री @nsitharaman #JanJanKaBudget #BudgetSession2020 pic.twitter.com/JOIymZ3wzA
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) February 1, 2020
देश में सरकारी विद्यालयों में लड़कियों का दाखिला 81.3 फीसदी वहीं लड़कों का 78 फीसदी है। इस बार शिक्षा का बजट 99,300 करोड़ रुपए रखा गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का बजट इस बार बढ़ाने की बजाए कम किया गया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2017 से लगातार महिलाओं के लिए जारी बजट में हर साल बढ़ोतरी की गयी थी। लेकिन इस बार बजट की राशि बढ़ाने के बजाए कम कर दी गयी है।
अगर पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो महिलाओं के लिए जहां वर्ष 2017-2018 में बजट राशि 20396.36 करोड़ थी, वहीं वर्ष 2018-2019 में 24758.62 करोड़ हो गयी और वर्ष 2019-2020 में 29164.90 करोड़ थी। अब यही राशि घटकर वर्ष 2020-2021 में 28,600 करोड़ रुपए कर दी गयी है।
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▪️ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के आश्चर्यजनक रूप से सुखद नतीजे देखने को मिले हैं
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महिलाओं के लिए बजट की मुख्य बातें-
1- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अच्छे परिणाम नजर आये। इस योजना के जरिए बाल अनुपात में भी बड़ा अंतर देखने को मिला है।
2- सरकारी विद्यालयों में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों का दाखिला बढ़ा।
3- 10 करोड़ परिवारों को पोषण की जानकारी दी जायेगी।
4- महिलाओं के मां बनने की उम्र बढ़ाने को लेकर भी सरकार चर्चा कर रही है।
5- छह महीने के अन्दर इसको लेकर टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा जो इससे सम्बन्धित रिपोर्ट तैयार करेगा।
6- दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दिया जाएगा।
7- महिला किसानों के लिए धान्य लक्ष्मी योजना की घोषणा की गयी। इसके तहत बीज से जुड़ी योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा जायेगा। जिससे ये महिला किसान विलेज स्टोरेज को बढ़ावा दे सकेंगी।
8- महिलाओं के लिए चलाई जा रही विशिष्ट योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
9- पोषाहार योजना के लिए वर्ष 2020-2021 के लिए 35,600 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है।
10- स्टार्टअप इण्डिया के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित किये जाएंगे।