दस मिनट के अंदर सेंसर बताएगा किस वजह से आपको हुआ हार्ट अटैक

वैज्ञानिक ने पारंपरिक परीक्षणों की तुलना में दिल के दौरे के संकेतों का पता लगाने के लिए सेंसर विकसित किया है

Update: 2019-07-05 11:47 GMT

लखनऊ। दिल्ली के जैव वैज्ञानिक और चंडीगढ़ के भैतिक विज्ञान के वैज्ञानिक ने संयुक्त रूप से एक ऐसे सेंसर का का विकास किया जो 10 मिनट के अंदर किस प्रोटीन की अधिकता से हर्ट अटैक हुआ इसका पता लेगा। इस दौरान कौन से हृदय की मांसपेसी को नुकसान हुआ इसकी जानकारी अन्य जांचों के मुकाबले मात्र 10 मिनट में ही दे देगा।

स्टैंडर्ड टेस्ट तकरीबन 2 घंटे केवल ट्रापिन(प्रोटीन जो हर्ट अटैक की संभावना बढ़ा देता है) का पता लगा देता है। इस व्यवस्था के तहत 0.48 नैनोग्राम खून ही डिटेक्ट किया जा सकता है। लेकिन नए तकनीक की तहत 0.192 पिकोग्राम खून को डिटेक्ट किया जा सकता है। यह सेंसर 4000 गुना ज्यादा सेंसिटिव है स्टैंडर्ड टेस्ट से।

डॉक्टर इंद्रजीत कौर   फोटो इंटरनेट

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हार्टअटैक के लक्षण

- बहुत पसीना आना

- बेचैनी

- उलझन

- चक्कर आना

- सांस लेने में परेशानी

-मितली आना

-दिल के बीच में कसाव होना

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डॉक्टर इंद्रजीत कौर( प्रिंसिपल साइंटिस्ट, CSIO-CSIR) ने भी इस प्रोजेक्ट पर काम किया है। यह प्रोजेक्ट उनके दिल के बेहद करीब है क्योंकि इस प्रेजेक्ट के कारण कई लोगों की हृदय संबंधी रोगों से जान बची है। कौर जिन्होंने अपनी पीएचडी सीएसआईआर फेलोशिप पर पंजाब विश्विद्यालय से पूरा किया। उन्होंने यह जानने के चार्ज ट्रांसफर पर डॉक्टरल रिसर्च किया क्या अनुवांशिक गुण कैंसर की ओर ले जाता है।

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नैनोमैटिरियल्स की भौतिकी का अध्ययन करते हुए वह दो आयामी(इाइमेंशमनल) तत्वों पर काम कर रही थी। जिस नए तत्व पर वह काम कर रही थी वह ग्रैफेन है। यह हेक्सागोनल के रासायनिक जाल से घिरा कार्बन परमाणुओं की एक मोटी परत है जो पेंसिल के लिए उपयोग होने वाले ग्रेफाइट से बना होता है। एक एक बहुपरत सरंचना है और जब हम इसकी एकल संरचना को अलग करते हैं तो जो उसके चार्जेस फ्री हो जाते हैं और प्रकाश की गति से चलने लगती है। कौर कहती हैं यह भविष्य में उपकरणों में हीटिंग को कम करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

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