ब्रिटेन के वोट का असर भारतीय किसान पर होगा

Update: 2016-06-25 05:30 GMT
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लखनऊ। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर खासा असर पड़ेगा। भारत के किसानों और व्यापार पर भी इस बदलाव का असर पड़ने की संभावना है। 

सबसे ज्यादा असर कपास, कॉफी, चाय, फल, सजावटी फूल, बासमती चावल, मसाले और हर्बल दवाओं की खेती करने वाले किसानों पर पड़ेगा। ब्रिटेन के इयू से अलगाव के बाद ही भारत में सेंसेक्स 605 अंक लुढ़क गया। 

नाबार्ड के पूर्व सीजीएम केके गुप्ता बताते हैं, “ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने का सबसे ज्यादा असर एग्री सेक्टर पर पड़ेगा। भारत से बड़ी मात्रा में कृषि उत्पाद ब्रिटेन के अलावा यूरोपीय यूनियन के अलग अलग मुल्कों में निर्यात किए जाते हैं।” 

सोना हुआ तीस हजारी

नई दिल्ली/लखनऊ। अलगाव के फैसले के बाद शुक्रवार को सोना दिल्ली में 1,215 रुपये की तेजी के साथ 26 महीने के उच्चस्तर 30,885 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जैन ने बताया, “रुपये में भारी गिरावट और शेयर बाजार के लड़खड़ाने से सर्राफा मांग में तेजी आई और निवेशकों के पास सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने में धन निवेश करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।’’ 

इन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर

  • टैक्सटाइल
  • हैंडलूम 
  • हैंडीक्राफ्ट
  • हार्टिकल्चर

क्या है यूरोपियन यूनियन

यूरोप एक कॉन्टिनेंट है, जिसमें 51 देश हैं। इनमें से ब्रिटेन समेत 28 देशों ने यूरोपीय यूनियन बनाया। यह 1993 में बना था।यूनियन के 19 देशों की एक अलग करेंसी यूरो बनाई गई। इनकी इमिग्रेशन पॉलिसी भी एक जैसी तय हुई। डिफेंस, इकोनॉमी और फॉरेन पॉलिसी पर भी एक राय में फैसले लिए जाने लगे। एक वीजा से पूरे यूरोपीय यूनियन में एंट्री हो सकती है। 

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