नौकरशाही, विभिन्न एजेंसियां खनन वृद्धि में डाल रही हैं बाधा

Update: 2017-05-28 20:54 GMT
खनन एजेंसियों की पेंचींदगियों की वजह से नहीं हो पा रहा है खनिजों का भरपूर इस्तेमाल

नई दिल्ली, (भाषा)। देश में दुनिया की खनन महाशक्ति बनने की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन पारदर्शिता के अभाव और नौकरशाही की मुश्किलें इसमें रुकावटें पैदा कर रही हैं। इन्नोवेटिव स्टेट ऑफ प्ले ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।

‘भारत विश्व खनन महाशक्ति बनने के लिए कैसे अपनी क्षमता का दोहन कर सकता है' शीर्षक एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी निवेश पर पाबंदियां और स्थानीय स्तर पर अधिक जटिलताओं के कारण इस क्षेत्र की वृद्धि में रकावटें आ रही हैं।

ये निष्कर्ष इन्नोवेशन स्टेट ऑफ प्ले द्वारा तैयार वैश्विक खनन उद्योग सार रिपोर्ट- 2017 का है। आस्ट्रेलिया की परामर्श कंपनी वीसीआई ने वेस्टर्न आस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इन्नोवेशन स्टेट ऑफ प्ले नामक सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन प्लेटफार्म तैयार किया है।

इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप, कोल इंडिया लिमिटेड, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, टाटा स्टील लिमिटेड और विप्रो लिमिटेड समेत भारत की नौ खनन कंपनियों के 50 से अधिक प्रमुख अधिकारियों की राय ली गई है।

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