पाकिस्तान: ईशनिंदा के 13 साल पुराने आरोपी की 3 बहनों ने की हत्या

Update: 2017-04-21 11:36 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में हत्या के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इस देश में ईशनिंदा को लेकर कानून बहुत सख्त है। यहां के सियालकोट में ईशनिंदा के एक मामले में तीन बहनों ने मिलकर एक अधेड़ शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी। ईशनिंदा का यह मामला 13 साल पुराना था। पुलिस ने तीनों बहनों अफसाना, आमना और रजिया को गिरफ्तार कर लिया है।

यह वारदात पाकिस्तान के सियालकोट जिले के पासरुर तहसील स्थित नांगल मिर्जा गांव की है। पुलिस के अनुसार, तीनों बहनें अपनी परेशानियों के समाधान के बहाने मजहर हुसैन सैय्यद के घर उनका आशीर्वाद लेने गई थीं जिसके बाद उन्होंने मजहर हुसैन से पूछा कि क्‍या उनका बेटा फजल अब्‍बास विदेश से वापस आ गया है। मजहर हुसैन ने हां में जवाब दिया। उनका जवाब सुनकर तीनों बहनों ने फजल अब्‍बास से मिलने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने हुसैन को बताया कि उनमें से एक लड़की फजल अब्‍बास की छात्रा रह चुकी है। जैसे ही फजल वहां आया तीनों बुर्कानशीं बहनों ने उसपर गोलियां चलाना शुरू कर दिया जिससे मौके पर ही फजल की मौत हो गई।

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हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों बहनें जश्‍न मनाने लगीं और कहने लगी कि उन्‍होंने ईशनिंदा करने वाले को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया है। जांच अधिकारी ने बताया कि महिलाओं ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि साल 2004 में फजल अब्‍बास ने ईशनिंदा की थी। तीनों बहनों ने बताया कि 'हम उस वक्त उसे नहीं मार सकें थे, क्योंकि हम लोग बहुत छोटे थे।

दरअसल, अब्बास के खिलाफ 2004 में ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज हुआ था लेकिन वह तब बेल्जियम भाग गया था। अब्बास हाल ही में विदेश से वापस लौटा था। उसने स्थानीय अदालत से ईशनिंदा वाले मामले में जमानत ली थी। इस मामले में पुलिस स्थानीय धर्मगुरुओं की भी जांच कर रही और हत्या की आरोपी तीनों बहनों से भी पुलिस की तफ्तीश जारी है।

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