यरुशलम विवाद : अमेरिका के खिलाफ भारत की वोटिंग, 127 देशों ने दिया साथ

Update: 2017-12-22 12:12 GMT
डोनाल्ड ट्रंप।

संयुक्त राष्ट्र (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महसभा में यरुशलम को इजरायल की राजधानी का दर्जा देने के अमेरिका के फैसले को रद्द करने की मांग वाले प्रस्ताव को गुरुवार को पारित कर दिया।

यह प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ। प्रस्ताव के पक्ष में भारत सहित 128 देशों ने वोट किया जबकि नौ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया। वहीं, इस दौरान 35 देश गैरहाजिर रहे।

ट्रंप ने छह दिसंबर को अपनी घोषणा में कहा था कि वह यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रुप में मान्यता देंगे और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से हटाकर यरुशलम में स्थापित करेंगे। उनकी घोषणा के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अमेरिका के बेहद करीबी सहयोगियों ब्रिटेन, फ्रांस और जापान ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

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ट्रंप प्रशासन ने पहली बार वीटो का प्रयोग किया है। अमेरिका ने पिछले छह वर्ष में पहली बार वीटो इस्तेमाल किया है। 

वीटो का बचाव करते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा, वास्तविकता यह है कि इस वीटो का प्रयोग अमेरिका की सम्प्रभुता की रक्षा और पश्चिम एशिया की शांति प्रक्रिया में अमेरिकी की भूमिका के बचाव के लिए किया गया है और यह हमारे लिए शर्मिंदगी की बात नहीं है यह सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों के लिए शर्मिंदगी का कारण होना चाहिए।     

गौरतलब है कि ट्रंप ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों को आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी थी और शायद इसी का ही नतीजा हो सकता है कि महसभा में मतदान के दौरान 35 देश नदारद रहे।

इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में अरब समूह की ओर से यमन ने और इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से तुर्की ने प्रायोजित किया था। आपको बता दें कि 2012 में यूएन में पारित प्रस्ताव के तहत फिलिस्तीन को 'पर्यवेक्षक देश' का दर्जा मिला हुआ है।

इजरायल ने यरुशलम पर संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव खारिज किया

इजरायल ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिका के फैसले को रद्द करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, "इजरालय संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज करता है।"

बयान में कहा गया कि जिन देशों ने इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया है, वह उनसे खुश हैं।नोटिस के मुताबिक, " यरुशलम के मुद्दे पर इजरायल का पक्ष लेने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का आभारी है। उन देशों का भी शुक्रिया अदा करता है, जिन्होंने इजरायल के पक्ष में वोट किया और सच्चाई का साथ दिया।"

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