जानिए क्या है बॉयो डायनमिक खेती?, चांद-सितारों की गति कैसे उत्पादन पर डालती है असर

Update: 2018-10-16 06:14 GMT

बायो डायनमिक खेती का मतलब हुआ, ब्रह्मांडीय शक्तियों के समावेश के आधार पर खेती करना। जानकारों का मानना है। इस तरह खेती करने से लागत कम और उत्पादन कई गुना ज्यादा होता है। पूरी जानकारी के लिए वीडियो देंखे.

ग्रेटर नोएडा (यूपी)। क्या आपने कभी सुना है कि चांद, तारे हमारी खेती पर असर डालते हैं, अगर नहीं सुना तो यहां पढ़ लीजिए।  ग्रेटर नोएडा में हुए जैविक कृषि विश्व कुंभ में डायनमिक खेती के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। इस तरह की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही सर्ग संस्था से जुड़े एनसी उपाध्याय हुए थे, जिन्होंने बताया कि चांद, तारे हमारी खेती पर किस तरह से असर डालते हैं।

एनसी उपाध्याय ने बताया, ''चंद्रमा की दिशा और दशा को देखते हुए जो खेती की जाती है, उसे डायनमिक खेती कहते हैं। जिस तारीख को शनि और चंद्र आमने सामने रहते हैं वो तारीख किसी भी कृषि कार्य के लिए बेहतर होती है। पूर्णिमा से दो दिन पहले किसी भी फसल की बुवाई करना सही रहता है। क्योंकि इस समय नमी सबसे अधिक रहती है।" 


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एक एकड़ के लिए 1 किलो गाय के गोबर की खाद उपयुक्त होती है। ऐसा बताते हैं बॉयोडायनेमिक विशेषज्ञ।

वो आगे बताते हैं, '' चंद्रमा की चाल के अनुसार कैलेंडर का निर्माण किया जाता है, जिसके अनुसार खेती की जाती है। इस कैलेंडर में ये लिखा होता है कि किस फसल में कब क्या करना चाहिए।" उपाध्याय किसानों को मुफ्त में किसानों को ये कलेंडर उपलब्ध करवातो हैं और उसके बाद जो नहीं समझ पाते हैं कि कैलेन्डर से कैसे खेती करनी है उनको फोन पर समझाते हैं।

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग भी डायनमिक खेती को बढ़ावा दे रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को गृह नक्षत्रों और राहु-केतु को देखकर खेती करना चाहिए। विभाग ने कुछ महीने पहले इसके लिए बाकायदा एडवाजरी जारी की थी।

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