Google ने Doodle के जरिए मुंशी प्रेमचंद को किया नमन

Update: 2016-07-31 05:30 GMT
Google ने Doodle के जरिए मुंशी प्रेमचंद को किया नमन

लखनऊ। हिन्दी साहित्य की महान शख्सियत प्रेमचंद को उनकी 136वीं जयंति पर Google ने अपने Doodle के जरिए श्रद्धांजलि दी है। 'कलम के सिपाही' प्रेमचंद को याद कर गूगल ने ग्रामीण मिट्टी की खुश्बू लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है। 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गाँव में जन्मे उपन्यास सम्राट प्रेमचंद के साहित्य में गांव, ग्रामीण और आम आदमी का सरोकार झलकता है और इसलिए उन्हें साहित्य में यथार्थवादी परंपरा की नींव रखने वाला कहा जाता है।

इंटरनेट की विशाल दुनिया पर विचरण करने वाले यूं तो तमाम लोग हैं, लेकिन इस विशाल दुनिया का प्लेटफॉर्म बन चुके सर्च इंजन Google ने आज हिंदी साहित्य के महान साहित्यकार को याद करते हुए हाथ में कलम लिए हुए उनकी तस्वीर लगाई है और साथ ही ग्रामीण समाज की झलक पेश की है।

अपने लेखन में गरीबी और ग्रामीण समाज का ताना बाना बुनने वाले प्रेमचन्द की कई कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं। अपनी कृति 'सोजे वतन' से अंग्रेजों की नींद उड़ाने वाले महान कथाकार प्रेमचंद ने कई कहानियां और अनगिनत उपन्यास लिखे, जिसके कारण विख्यात साहित्यकार शरत चंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें 'उपन्यास सम्राट' का खिताब दिया। इनकी प्रमुख कृतियों में 'गबन', 'गोदान', 'कर्मभूमि', 'सेवासदन', 'रंगभूमि' और निर्मला' अहम हैं। उन्होंने कई मर्मस्पर्शी कहानियां लिखीं, जिनमें 'बूढ़ी काकी', 'ईदगाह', 'हीरा मोती' और 'बड़े घर की बेटी' जैसी कहानियां उल्लेखनीय हैं। बचपन में धनपत राय उर्फ नवाब राय के नाम से मशहूर प्रेमचंद की मृत्यु 8 अक्तूबर 1936 को हुआ था।

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