हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा 'ए फॉर असम' पढ़ेगा: प्रधानमंत्री

Update: 2016-03-26 05:30 GMT
गाँवकनेक्शन

तिनसुकिया (भाषा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के तिनसुकिया में शनिवार को पहली चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी लड़ाई राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से नहीं, बल्कि यहां की गरीबी से है। पीएम मोदी ने कहा, ''मेरे तो तीन ही एजेंडा हैं- विकास, तेज गति से विकास और चारों तरफ विकास।''

असम के सीएम पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता हैं, जो कि कुछ सालों बाद 90 साल के हो जाएंगे वो कहते हैं कि मेरी लड़ाई मोदी से है। लेकिन मैं मुख्यमंत्री महोदय से कहना चाहूंगा कि आप हमारे बुजुर्ग हैं, मैं तो आपसे छोटा हूं। मैं आपको नमन करता हूं। आपसे कोई लड़ाई नहीं लड़नी। हमारे संस्कार हैं कि छोटे बड़ों से नहीं लड़ते और बड़े छोटों को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए मेरी बड़ों से कोई लड़ाई नहीं है। मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं गरीबी से है। मुझे बुराईयों के खिलाफ, भ्रष्टाचार के खिलाफ, असम की बर्बादी के खिलाफ लड़ना है, मुझे किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ना। मैं बुजुर्गों को प्रणाम करता हूं, असम की भलाई के लिए मैं उनका आशीर्वाद चाहता हूं। 

पीएम मोदी ने कहा कि इस चुनाव से मेरा बहुत घाटा होने वाला है। दिल्ली का नुकसान होने वाला है। व्यक्तिगत रूप से मेरा भी नुकसान होने वाला है, क्योंकि मेरी सरकार में जो उत्तम मंत्री हैं उनमें से एक हैं सर्बानंद। अब असम में लहर चल रही है कि असम में एक ही आनंद, सर्बानंद। चुनाव के बाद असम को एक नौजवान मुख्यमंत्री मिलने वाला है, यह आपका हुजूम दिखा रहा है। वो दिन दूर नहीं जब हिंदुस्तान का बच्चा पढ़ाई शुरू करेगा तो 'ए फॉर असम' पढ़ेगा। 

पीएम मोदी ने कहा कि जब वो चाय बेचा करते थे तब लोग उनसे असम की चाय पीकर ताजगी महसूस करते थे। उन्होंने कहा कि इस वजह से मुझ पर असम का कर्ज है। उन्होंने कहा गरीबों को शिक्षा, नौजवानों को आमदनी और बुजुर्गों को दवाई मुहैया कराकर असम के हालात मैं बदलना चाहता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था तब हिंदुस्तान के पांच सबसे ज्यादा समृद्ध राज्यों में से एक असम था, लेकिन अब 60 साल बाद सबसे गरीब राज्यों में से एक हो गया। असम को किसने गरीब बनाया, असम की इस दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है? आपने 60 साल तक कांग्रेस से अच्छा करने की अपेक्षा की। लेकिन अब मुझे आप पांच साल का मौका दीजिए। इसके बाद भाजपा और साथी दल असम को सभी मुसीबतों से बाहर निकाल लाएंगे।

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