नई दिल्ली (भाषा)। आरक्षण को लेकर जाट समुदाय के नेताओं द्वारा हरियाणा में फिर से आंदोलन छेड़े जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में निषेधाज्ञा आज भी लागू है। दोपहर तक कहीं से किसी प्रकार की हिंसा की रिपोर्ट नहीं है।
हरियाणा के साथ लगते अधिकतर इलाकों में सौ से अधिक चौकियां बनायी गयी हैं तथा सिंघु बार्डर, नांगलोई बहादुरगढ रोड और करनाल रोड पर कई जगहों पर पुलिस अवरोधक लगाए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उत्तर पश्चिमी और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में कई स्थानों पर दंगा नियंत्रण टीमों को तैनात किया गया है। फरवरी में पहले दौर के विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में पुलिस कोई कोताही नहीं बरत रही है। फरवरी में हुए आंदोलन में शहर के इन हिस्सों में भी आंदोलन का असर देखा गया था।
कल शाम, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सीमाई जिलों तथा शहर के कई अन्य हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी जहां जाट आरक्षण आंदोलन के चलते प्रदर्शन की आशंका है।
आज सुबह करीब 11 बजे जाट प्रदर्शनकारियों का एक छोटा समूह सिंघु बार्डर के पास पहुंचा जिसके बाद डीसीपी और रेंज के संयुक्त आयुक्त समेत वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को नियंत्रण में लाया गया।
जिन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की गयी है उनमें से अधिकतर या तो हरियाणा के समीप सीमावर्ती इलाके हैं या वहां जाट समुदाय के लोगों की बहुलता है। निषेधाज्ञा आदेश 18 पुलिस प्रखंडों में लगाए गए हैं जिनमें दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के द्वारका नजफगढ़, बाहरी दिल्ली में अलीपुर और बवाना, दक्षिणी दिल्ली में महरौली और वसंत विहार, दक्षिण पूर्वी दिल्ली में सरिता विहार और अम्बेडकर नगर, उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीमापुरी और खजूरी खास, पूर्वी दिल्ली में मधु विहार तथा कल्याणपुरी, उत्तर पश्चिमी दिल्ली मंर मुखर्जी नगर तथा उत्तरी दिल्ली का पूरा इलाका शामिल है।
इन 18 पुलिस प्रखंडों के क्षेत्राधिकार में 54 पुलिस थाने आते हैं और ये शहर के एक चौथाई भूभाग में रहते हैं। जाट आंदोलन के पहले चरण में मुखर्जी नगर और नजफगढ़ तथा आसपास के इलाकों में हिंसा देखी गयी थी। फरवरी में आंदोलनरत जाट समुदाय के लोगों ने शहर में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए थे जिनके चलते कई महत्वपूर्ण मार्गो पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था।