कांग्रेस विधायकों, नेताओं को धमकाया जा रहा है: हरीश रावत

Update: 2016-05-08 05:30 GMT
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देहरादून (भाषा)। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 10 मई को उत्तराखंड विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के विधायकों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक को धमकाया जा रहा है और उनके फोन टेप किये जा रहे हैं।     रावत का ये बयान ऐसे समय में आया है जब एक निजी टेलीविजन चैनल ने एक स्टिंग जारी कर कथित रूप से बागी कांग्रेस विधायक हरक सिंह रावत और एक अन्य कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट की बातचीत रिकार्ड की है जिसमें कहा जा रहा है कि रावत किस तरह से खनन से जुटाये पैसे का दुरुपयोग करते हुए विधायकों को अपने पक्ष में करने का लालच दे रहे हैं। हालांकि संवाददाताओं द्वारा इस बाबत पूछे जाने पर रावत ने फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।

रावत ने कहा कि उत्तराखंड में केंद्रीय एजेंसियों का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है और उनकी पार्टी के विधायकों को ही नहीं बल्कि राजनीतिक नेताओं को भी धमकाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा हमारे विधायकों को धमकाने के लिये कोई रिश्तेदार के वेश में आ रहा है, कोई शुभचिंतक के रूप में और कोई जान-पहचान वाले के तौर पर मिलने आ रहा है और उनके जरिये हमारे विधायकों को राजनीतिक नेताओं तक को धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे हैं। रावत ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि खुद उनके ऊपर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है मानो वो कोई देशद्रोही हों।

रावत ने अपने अलावा अपने निकट सहयोगियों के भी फोन टेप कराये जाने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्रीय एजेंसियां कांग्रेसियों को तरह-तरह से परेशान कर रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने इस आरोप को एक बार फिर दोहराया कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और उनके पुत्र साकेत बहुगुणा ने एक गैंग बनाकर उनकी चुनी हुई सरकार को गिरा दिया।

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