नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिए उन्हें निर्देश देने की मांग की गई। इस कानून का उद्देश्य 75 प्रतिशत ग्रामीण एवं 50 प्रतिशत शहरी आबादी को सस्ते दामों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर खाद्य, जन वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किये। एनजीओ ने आरोप लगाया था कि कानून के विभिन्न प्रावधानों को अब तक लागू नहीं किया गया है।
एनजीओ ‘वेटरन्स फोरम फार ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ' की याचिका के अनुसार, जिन प्रावधानों को अब तक लागू नहीं किया गया है, उनमें से एक है हर गर्भवती महिला और दूध पिलाने वाली माता को गर्भावस्था एवं बच्चे के जन्म के बाद छह महीनों तक स्थानीय आंगनवाडी के जरिये मुफ्त भोजन की व्यवस्था करना ताकि उनमें कुपोषण नहीं हो।