कहीं बुंदेलखंड न बन जाए बागपत

Update: 2016-05-14 05:30 GMT
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बागपत। बुन्देलखण्ड में पानी की हाहाकार के बाद अब वह दिन दूर नहीं जब बागपत के लोग भी पानी के लिए तरसेंगे। बागपत के छह ब्लॉकों में पांच ब्लॉक डार्क जोन होने के बाद भी आज तक पानी बचाने के लिए यहां कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं किया गया हे। मुख्यमंत्री के जल बचाओ अभियान पर भी आलाधिकारियों ने कोई कार्य नहीं किया। जनपद के 80 प्रतिशत हैंडपम्प रेड घोषित कर दिये गये हैं और एनजीटी को इसकी रिपोर्ट भी भेज दी गई है। 

जिला मुख्यालय से आठ किमी पूर्व की तरफ बसे डौला गाँव निवासी कृष्णपाल जो जल पुरुष राजेंद्र सिंह के छोटे भाई हैं, का कहना है कि जल प्रदूषण के लिए जितना दोष सरकारी मशीनरी का है, उतना ही दोष आज लोगों का भी है। एक तरफ सरकारी अफसर जहां पानी की समस्या को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं, वहीं आम जनता भी पानी दोहन को नहीं रोक पा रही है। 

जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू धामा का कहना है कि लोगों को दूषित पानी पीने से बचाने के लिए नये हैंडपम्प लगाये जा रहे हैं और जो हैंडपम्प खराब हो चुके हैं, उनकी जांच कर उनको दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा है। उनके पास अगर तालाब की समस्या पहुंचती है तो वे उसको प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का प्रयास करती हैं लेकिन जल प्रदूषण और दोहन को रोकने के लिए आम लोगों को जागरूक होना पडे़गा और इसको रोकना होगा। 

वहीं बिनौली क्षेत्र के रहतना गाँव का हाल इससे भी बदहाल हो चुका है। लोग पीने के पानी के लिए तरस गये हैं और जो पानी है, वह जहरीला है और लोग इसी जहर को पीने के लिए मजबूर है। समस्या से रूबरू जिलाधिकारी बागपत का कहना है कि आगामी सत्र में भारी बजट के साथ पानी की समस्या से निपटने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी।  

अब विधायक लगवा सकेंगे अपने क्षेत्र में हैंडपम्प 

बागपत। अब विधायक अपने क्षेत्र में सौ नए  हैंडपम्प  लगवा सकेंगे। शासन ने विधायकों व एमएलसी को अपने-अपने ग्रामीण क्षेत्रों में नए हैंडपम्प  लगवाने व रिबोर कराने के आदेश जारी कर दिए है। अभी तक नए हैंडपम्प  लगाने व रिबोर कराने पर शासन ने रोक लगा रखी थी, जिससे नए  हैंडपम्प नहीं लग पा रहे थे, लेकिन अब सभी विधायकों व एमएलसी से सूची देने के लिए कहा। इसके कारण ग्रामीणों को पानी की समस्या के लिए परेशानी उठानी पड़ रही थी। शासन के सचिव ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र जारी करके सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपम्प लगाने के लिए नियम भी लागू कर दिए गए है। 150 की आबादी पर दो नए हैंडपम्प लगाए जाएंगे और जहां पहले से ही हैंडपम्प है वहां नहीं लगाया जाएगा। इससे ग्रामीणों को आसानी से पानी मिल सकेगा। शासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में नए हैंडपम्प लगाने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश जल निगम विभाग को सौंप दी है और राज्य ग्रामीण पेयजल योजना से कार्यदायी संस्थाओं को मुख्यालय स्तर पर सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। कहा कि जल्द से जल्द हैंडपम्प लगाने का कार्य किया जाए। 

नहीं मिला बजट

जल बचाने के लिए मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान भी जनपद के लिए काम नहीं आया है। सीडीओ जेपी रस्तोगी ने बताया कि इस योजना में बागपत के लिए अभी तक कोई बजट नहीं मिला है जिससे पानी बचाने के उपायों को परवान चढ़ाया जा सके।

पानी को तरसी यमुना 

कभी पानी से लबालब भरकर चलने वाली यमुना नदी भी आज पानी के लिए तरस गयी है। नदी में दूर तक रेत ही रेत दिखाई देती है, यमुना के सूखने के कारण नहरों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है और किसान पानी का लिए तरस रहे हैं।

रिपोर्टर - सचिन त्यागी

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