120 रु/किलो से महंगी हुई अरहर तो राज्य सरकारें ज़िम्मेदार

Update: 2016-05-10 05:30 GMT
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नई दिल्ली(भाषा)। केंद्र सरकार ने राज्यों को उनकी मांग के मुताबिक़ दालों की आपूर्ति करने का आश्वासन देने के साथ ही कहा कि अगर अरहर दाल की कीमत 120 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक बढ़ी तो इसके लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी।

खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में महंगाई के संबंध में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में बताया कि आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं में शामिल 22 वस्तुओं में से केवल दाल को छोड़कर किसी अन्य वस्तु का दाम नहीं बढ़ा है।

उन्होंने इसकी अहम वजह उत्पादन कम होने को बताते हुए कहा कि उत्पादन के मुकाबले मांग ज्यादा है। पासवान ने कहा कि साल 2014-15 में सरकार ने 173 लाख टन दलों का और साल 2015-16 में 237 लाख टन दालों का आयात किया था। इसके अलावा निजी क्षेत्र ने 58 लाख टन दलों का आयात किया था।

पासवान ने कहा कि दालों विशेषकर अरहर की कीमत में वृद्धि के लिए जमाखोरी जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि इससे निपटना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।     खाद्य मंत्री ने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को उनकी जरूरतों के अनुसार दालों की आपूर्ति करेगी लेकिन उन्हें इसके लिए लिखकर देना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 50 लाख टन का बफर स्टॉक खरीद लिया है और दाल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए विभिन्न पहल किये जा रहे हैं। पासवान ने कहा कि किसी भी सूरत में अरहर की कीमत 120 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए इसके लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं। इससे अधिक दाम बढ़ने पर राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी।

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