किसान आत्महत्याओं के लिए पिछली सरकारों की नीतियां जिम्मेदार: कृषि मंत्री

Update: 2016-05-28 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लुधियाना (भाषा)। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने देश में किसानों द्वारा आत्महत्या किये जाने के लिए पिछली सरकारों की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने शुक्रवार को कहा, ''किसानों द्वारा आत्महत्याएं केवल पिछली सरकारों की नीतियों से पड़ने वाले सकल प्रभाव का नतीजा है।'' मंत्री ने कहा कि वे (पिछली सरकारें) 60 साल के शासन के दौरान किसानों के लिए कोई प्रभावी कल्याणकारी योजनाएं लाने में विफल रहीं हैं।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति व सामाजिक दर्जे को बेहतर बनाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरु की हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की विभिन्न नीतियों को किसानों के हित वाली बताया और फसल बीमा योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिये काफी फायदेमंद है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में सूखा है लेकिन स्थिति का सामना करने के लिए सरकार अपनी तरफ से बेहतर कर रही है। इससे पहले शुक्रवार को दिन में उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय का दौरा किया और उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से कहा कि प्राकृतिक संसाधनों विशेष तौर से पानी का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें।

विश्वविद्यालय की जारी विज्ञप्ति में सिंह के हवाले से कहा गया है, ‘‘यदि हम पानी के संरक्षण में असफल रहे तो अगला विश्व युद्ध पानी के लिये ही लड़ा जाएगा।'' उन्होंने कहा कि देश में तीन लाख किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिये गये हैं और 2017 तक देश के हर किसान को यह कार्ड उपलब्ध करा दिया जायेगा। सिंह ने बतायाकि सरकार ने पंजाब के उन किसानों के लिये जो कि लहसुन और ऐसे दूसरे उत्पाद उगाहना चाहते हैं उनके लिये 12 करोड़ रुपए की राशि अलग रखी है।

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