एपीडा की पहल से उत्तराखंड में करेला जैसी सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को होगा फायदा

उत्तराखंड के किसानों की उगायी सब्जियों की पहली खेफ संयुक्‍त अरब अमीरात के दुबई को निर्यात की गई।

Update: 2021-07-26 12:25 GMT

एपीडा उत्तराखंड में एक पैक हाउस स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बना रहा है। फोटो: दिवेंद्र सिंह 

उत्तराखंड के किसानों और कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हरिद्वार से करी पत्ता, भिंडी, नाशपाती और करेला जैसी कई सब्जियां संयुक्त अरब अमीरात निर्यात की गईं।

उत्तराखंड सरकार जैविक खेती की सहायता करती रही है। एक अनूठी पहल के जरिये उत्तराखंड कृषि उत्पाद विपणन बोर्ड (यूकेएपीएमबी) जैविक प्रमाणन के लिए हजारों किसानों की सहायता करता रहा है। ये किसान मुख्य रूप से रागी, झिंगोरा, चौलाई आदि जैसे मोटे अनाजों की खेती करते हैं।

इससे पहले मई महीने में यहां का बाजार डेनमार्क निर्यात किया गया था। इसके साथ ही यूकेएपीएमबी और एक निर्यातक जस्ट ऑर्गेनिक, के सहयोग से एपीडा ने निर्यात के लिए उत्तराखंड के किसानों से रागी, और झिंगोरा प्राप्‍त एवं प्रसंस्‍कृत किया, जो यूरोपीय संघ के जैविक प्रमाणन मानकों को पूरा करता है।

एपीडा उत्तराखंड में एक पैक हाउस स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बना रहा है जो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ताजे फल और सब्जियों के निर्यात के लिए अनिवार्य आवश्यकता या बुनियादी ढांचे की जरूरत को पूरा करेगा।

एपीडा के अनुसार 2019-20 में 10114 करोड़ रुपये के बराबर के निर्यात की तुलना में 2020-21 में भारत ने 11019 करोड़ रुपये के बराबर के फलों और सब्जियों का निर्यात किया, जो 9 प्रतिशत के बराबर की वृद्धि प्रदर्शित करता है।

एपीडा खाद्य उत्पादों के निर्यात के लिए बाजार संवर्धन गतिविधियां, सूचित निर्णय लेने के लिए मार्केट इंटेलिजेंस, अंतर्राष्ट्रीय अनुभव, कौशल विकास, क्षमता निर्माण और उच्च गुणवत्ता वाली पैकेजिंग का कार्य करता है।

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