जापान की मदद से गाँवों में बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन

Update: 2017-08-13 18:57 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गांवों स्तर पर दुध उत्पादन, दूध की खरीद और दुध से बनने वाले उत्पादों को बढ़ाने के जापान सहयोग करने जा रहा है। केन्द्र सरकार ने अगले पांच वर्षों तक किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अवसंरचना योजना के लिए जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाईका) से 20057 करोड़ रुपए का ऋण लेने का प्रस्ताव तैयार किया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने पिछले दिनों जानकारी दी कि जापान के आर्थिक कार्य विभाग ने इस प्रस्ताव को अपनी सैद्धान्तिक सहमति भेज दी है।

जाईका से पैसा मिलने पर देश के 121.83 लाख दुग्ध उत्पादकों को जोड़कर गांव के स्तर पर 524.20 लाख किलोग्राम दूध प्रतिदिन की दूध शीतन क्षमता का सृजन किया जाएगा। भारत 1998 से विश्व के दूध उत्पाकद देशों में पहले स्थापन पर है।

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यहां विश्व़ की सबसे बड़ी गोपशु आबादी है। भारत में 1950-51 से लेकर 2014-15 के दौरान दूध उत्पादन 17 मिलियन टन से बढ़कर 146.31 मिलियन टन हो गया है। 2015-16 के दौरान दूध उत्पापदन 155.49 मिलियन टन था। देश में उत्पादित दूध का लगभग 54 प्रतिशत घरेलू बाजार में बिकता है जिसमें से मात्र 20.5 प्रतिशत ही संगठित सेक्टर की ओर से प्रसंस्कृत हो पाता है। ऐसे में देश के दुग्ध उत्पादक किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।

कृषि विभाग के एक आंकड़े के अनुसार देश में बढ़ती हुई दूध की मांग को पूरा करने के लिए 2021-22 तक 200-210 मिलियन मीट्रिक टन का उत्पादन करना होगा। ऐसे में देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना का प्रारूप तैयार किया है जिसमें थोक मिल्क कूलिंग, प्रसंस्करण, डेयरी सहकारिता सोसाइटियों, दूध ढुलाई सुविधा और दूसरी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।

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जापान की एजेंसी जाईका से मिले ऋण के बाद ऑपरेशन फल्ड के समय के जर्जर 20-30 वर्षों पहले बनाए गए पुराने दूध उत्पा‍द संयंत्रों का नवीनीकरण और विस्तार किया जाएगा। जिससे देश के लगभग 160 लाख दुग्ध उत्पादाक किसानों को लाभ होगा।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड अध्यक्ष दिलीप रथ ने बताया '' देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और खासकर गांव के स्तर किसानों को इससे अधिक से अधिक जोड़ने के लिए पशुपालन और डेयरी विकास विकास विभाग लगातार काम कर रहा है। देश में जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाईका) से 20057 करोड़ रुपए का ऋण लेने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिससे दूध उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। ''

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