क्या देश के कार्पोरेट घरानों पर मेहरबान है केंद्र सरकार?

Update: 2016-05-05 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। राज्यसभा में गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड के एक सदस्य ने देश में कारपोरेट घरानों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने का दावा किया और खास तौर पर अदाणी समूह का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कंपनी पर अकल्पनीय कृपा की गई है और उसका कर्ज 72,000 करोड़ रुपये है।

शून्यकाल में जदयू के पवन वर्मा ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ऐसे लोगों को कर्ज़ देने के लिए प्रभावित किया जा रहा है जो उनके कर्ज़ का भुगतान नहीं कर सकते।

वर्मा ने कहा कि देश में कारपोरेट घरानों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है जिनमें से 1.4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ पांच कंपनियों पर है। पांच कंपनियों में लेंको, जीवीके, सुजलॉन एनर्जी, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और अदाणी ग्रुप एंड अदाणी पावर शामिल हैं। उन्होंने खबरों का हवाला देते हुए कहा कि अदाणी समूह कहलाने वाली कंपनी पर करीब 72 हज़ार करोड़ रुपये का अल्पकालिक और दीर्घकालिक कर्ज़ है जो कि देश में सभी किसानों के कुल कर्ज के बराबर है। उन्होंने कहा कि कल सदन में कहा गया था कि किसानों पर 72,000 करोड रुपये का फसल कर्ज़ बकाया है जिसका उन्हें भुगतान करना है।

जदयू सदस्य ने कहा, ''मुझे नहीं पता कि सरकार का इस कारोबारी घराने से क्या संबंध है। मैं ये भी नहीं जानता कि क्या वो एक दूसरे को जानते हैं लेकिन प्रधानमंत्री के प्रत्येक विदेशी दौरे में इस समूह के स्वामी गौतम अदाणी उनके साथ नजर आते हैं, चाहे वो चीन दौरा हो, या अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप या जापान का दौरा हो।''

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