एक गायक जिसके पास पद्मभूषण है, नेशनल अवॉर्ड है, वर्ल्ड रिकॉर्ड है... नहीं है तो बस इंजीनियरिंग की डिग्री 

Update: 2017-06-09 15:49 GMT
बीमारी की वजह से नहीं कर पाए थे इंजीनियरिंग

आज एक ऐसे गायक की कहानी जो दरअसल इंजीनियर बनना चाहता था। उसने आंध्रप्रदेश में अनंतपुर की जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला भी ले लिया। जिंदगी में जब सबकुछ ठीक चल रहा हो तो आप खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

उस गायक को भी लगता था कि वो अपनी जिंदगी से जैसा चाहता है वैसा ही उसे मिला। इंजीनियरिंग करके वो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाना चाहते थे। अफसोस, जिंदगी ने उसे एक झटका दिया। उस गायक की तबियत खराब हो गई। बीमारी ज्यादा गंभीर तो नहीं थी लेकिन कुछ ज्यादा ही लंबी खींच गई। हालात भी कुछ ऐसे बन गए कि उसे इंजीनियरिंग का कोर्स छोड़ना पड़ा। आज उस गायक के पास देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मभूषण है। उसे छह बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। उसके नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रिकॉर्ड दर्ज है। फिर भी उसके जीवन में एक कमी है- वो कमी है इंजीनियरिंग की एक अदद डिग्री की।

अगर आप अब तक ना समझ पाए हों कि आज किस गायक की जिंदगी की किस्सागोई हम आपको सुनाने जा रहे हैं तो हम आपको बताते हैं। आज किस्सागोई श्रीपति पंडिताराध्युल बालसुब्रमण्यम की यानी एसपी बालसुब्रमण्यम की। एसपीबी या बालू के नाम से मशहूर इस गायक को आज शायद ही कोई संगीत प्रेमी ना जानता हो।

तमिल फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम के बालाचंदर हिंदी की फिल्म को डायरेक्ट कर रहे थे। इस फिल्म का सबसे दिलचस्प पहलू ये था कि इसी फिल्म के साथ कमल हासन जैसे बड़े कलाकार की बॉलीवुड में यानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ‘एंट्री’ हो रही थी। फिल्म थी ‘एक दूजे के लिए’ जो सिर्फ कमल हसन के लिए ही नहीं बल्कि रति अग्निहोत्री और एसपी बालसुब्रमण्यम के लिए भी पहली हिंदी फिल्म थी।

एसपी बालसुब्रमण्यम का जन्म आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के मूलपेट मेंहुआ में हुआ था। पिता हरिकथा कलाकार थे। हरिकथा पांरपरिक कलाशैली है जिसमें कहानी, कविता, डांस, ड्रामा जैसी विधाएं शामिल हैं। इसमें धार्मिक प्रस्तुतियां ज्यादा होती हैं। एसपी के पिता नाटकों में काम करते थे। उनके दो भाई और पांच बहन हैं। एक बहन एसपी शैलजा हैं, जो खुद भी एक जानी मानी गायिका हैं। उन्होंने तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़ भाषा में 5,000 से ज्यादा गाने गाए हैं। खैर, इंजीनियरिंग की पढ़ाई से पहले और ‘रेग्यूलर’ पढ़ाई छोड़ने के बाद भी एसपी बालसुब्रमण्यम संगीत की शिक्षा लेते रहे।

1964 में उन्हें ‘एम्चयोर’ गायक के तौर पर एक ‘कॉम्पटीशन’ में पहला इनाम मिला। इसके बाद गायकी का करियर आगे बढ़ता चला गया। दक्षिण भारत के दिग्गज कलाकारों के साथ काम करते करते उन्होंने अपने गायकी के करियर को भी संजीदगी से लिया। नतीजा अगले दो साल में ही यानि जब वो करीब 20 साल के थे उन्हें फिल्म में गाने का मौका मिल गया। जाहिर है, गाना उनकी मातृभाषा तेलुगू में था। उसके आठ दिन बाद कन्नड़ में गाना गाया। पहला तमिल गाना 1969 में गाया। बीता साल यानि 2016 देखा जाए तो ‘प्लेबैक सिंगिंग’ में उनका पचासवां साल है।

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खैर, इसी दौरान एसपी बालसुब्रमण्यम ने सावित्री से शादी की। उनके दो बच्चे हैं। बेटी पल्लवी और पुत्र पीबी चरण, जो प्लेबैक सिंगर और फिल्म निर्माता हैं। इसी दौरान 1980 का दशक आया। तमिल फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम के बालाचंदर हिंदी की फिल्म को डायरेक्ट कर रहे थे। इस फिल्म का सबसे दिलचस्प पहलू ये था कि इसी फिल्म के साथ कमल हासन जैसे बड़े कलाकार की बॉलीवुड में यानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ‘एंट्री’ हो रही थी। फिल्म थी ‘एक दूजे के लिए’ जो सिर्फ कमल हसन के लिए ही नहीं बल्कि रति अग्निहोत्री और एसपी बालसुब्रमण्यम के लिए भी पहली हिंदी फिल्म थी। फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने तैयार किया था। एक दक्षिण भारतीय गायक से हिंदी गाना गवाने का जो सहज शुरुआती डर संगीतकारों के मन में होता है जो एलपी के नाम से मशहूर इस जोड़ी को भी था।

परेशानी ये थी कि डायरेक्टर ने पहले ही लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को सहेज दिया था कि इस फिल्म में ‘मेल’ आवाज तो एसपी बालसुब्रमण्यम की ही होगी। ये अलग बात है कि जब एसपी ने माइक थामा और इस फिल्म के गाने गाए तो उनकी लोकप्रियता ने तमाम कीर्तिमान स्थापित किए। इस फिल्म में सिर्फ एक गाना था जिसके लिए लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अनूप जलोटा की आवाज इस्तेमाल की बाकि सभी गाने एसपी बालसुब्रमण्यम ने ही गाए। तेरे मेरे बीच में, हम बने तुम बने जैसे गाने आज भी सुपरहिट हैं।

एसपी बालसुब्रमण्यम ने आठ फरवरी 1981 को एक अद्भुत काम किया। उन्होंने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे के बीच कन्नड़ में 21 गाने रिकॉर्ड किए। तमिल में वो एक दिन में 19 और हिंदी में 16 गाने रिकॉर्ड कर चुके हैं।

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड की 13 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। इसमें से तीन कैटेगरी में इसने अवॉर्ड जीता भी, सर्वश्रेष्ठ एडिटिंग, सर्वश्रेष्ठ लिरिक्स और सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले के लिए फिल्म एक दूजे के लिए को अवॉर्ड मिला। एसपी बालसुब्रमण्यम को ‘तेरे मेरे बीच’ गाने के लिए नॉमिनेट जरूर किया गया था लेकिन उन्हें अवॉर्ड मिला नहीं। इसकी भरपाई हुई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से जो उन्हें इसी फिल्म में ‘प्लेबैक सिंगिग’ के लिए मिला। हिंदी में पहली फिल्म और पहली ही फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार।

एसपी बालसुब्रमण्यम ने आठ फरवरी 1981 को एक अद्भुत काम किया। उन्होंने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे के बीच कन्नड़ में 21 गाने रिकॉर्ड किए। तमिल में वो एक दिन में 19 और हिंदी में 16 गाने रिकॉर्ड कर चुके हैं। एक समय वो इस कदर व्यस्त थे कि 15-16 गाने प्रति दिन रिकॉर्ड करना रूटीन की तरह हो गया था। उन्होंने कमल हासन जैसे मशहूर कलाकार के लिए डबिंग भी की। एक दिन में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड भी उन्होंने उसी दौर में बनाया।

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इस फिल्म में मिली सफलता के बाद एसपी बालसुब्रमण्यम ने हिंदी फिल्मों में अपनी गायकी को गंभीरता से लेना शुरू किया। अगर कोई गाना कठिन लगता था तो वो 8-10 दिन का समय लेकर उसे तैयार करते थे। अगर प्रोड्यूसर को जल्दी है तो वो पूरी सहजता से गाने से इंकार कर देते थे। बाद में वो राजश्री फिल्म्स के लिए सलमान खान की आवाज बने। मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन जैसी फिल्मों में उन्होंने सलमान पर फिल्माए गाने गाए। इसके बाद हिंदी फिल्मों से उन्होंने दूरी बना ली। करीब डेढ़ दशक के लंबे अंतराल के बाद उन्होंने 2013 में आई फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस का टाइटल गाना गाया। एसपी खुद ही बताते हैं कि वो सिगरेट पीते हैं। कभी कभार शराब भी। आइसक्रीम, दही चावल और ठंडे पानी के बिना वो रह नहीं सकते हैं। ऐसे में नए गायक उन्हें अपना आदर्श ना मानें क्योंकि ये सारी ही आदतें एक अच्छे गायक में नहीं होनी चाहिए। एसपी बालसुब्रमण्यम की ये बात उनकी सहजता को बताती है।

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