महिला लड़ाकू पायलटों को स्थायी कमीशन देने पर जल्द फैसला करेंगे: रक्षा मंत्री
नई दिल्ली (भाषा)। महिला लड़ाकू पायलटों को वायुसेना में स्थायी भूमिका प्रदान करने के संबंध में केंद्र द्वारा जल्द फैसला करने की घोषणा करने के साथ ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज उम्मीद जतायी कि एक दिन ऐसा आएगा जब सशस्त्र बलों में महिलाएं पुरुषों को पीछे छोड़ देंगी।
तीन महिला पायलटों को लड़ाकू भूमिका में प्रायोगिक आधार पर शामिल करने की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वायुसेना में महिला पायलटों को प्रायोगिक आधार पर शामिल करने के बाद उससे मिलने वाली फीडबैक के आधार पर जल्द ही इस क्षेत्र में महिला पायलटों को स्थायी भूमिका दिए जाने का फैसला किया जाएगा।
उन्होंने भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल की इन आशंकाओं को निर्मूल बताया कि विगत के मिग विमान हादसों के कारण महिला पायलट बनने की इच्छुक युवतियों के मन में प्रशिक्षण को लेकर किसी प्रकार का डर है।
पार्टी के मुख्य सचेतक की बात से पूरी तरह असहमति जताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस भूमिका के लिए महिलाओं की ओर से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है और उन्हें उम्मीद है कि जब पूर्ण आधार पर लडाकू महिला पायलटों के लिए वायुसेना के दरवाजे खोल दिए जाएंगे तो महिला आवेदकों की बाढ आ जाएगी।
उन्होंने बताया कि वायुसेना में एक फरवरी 2016 की स्थिति के अनुसार पायलटों की कमी का आंकडा 164 रह गया है और पायलटों को वायुसेना में शामिल करने की मौजूदा दर के हिसाब से अगले दो साल में इस कमी को पूरी तरह समाप्त कर लिया जाएगा।
पर्रिकर ने बताया कि वायुसेना में पायलटों की भर्ती में लैंगिक तटस्थता की नीति का पालन किया जाता है और सभी अवसर महिला और पुरुष उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हैं।