महिलाओं को मिले बराबर की हिस्सेदारी: प्रणब मुखर्जी

Update: 2016-03-05 05:30 GMT
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गाँव कनेक्शन नेटवर्क

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महिलाओं को पुरुषों की तहर ही बराबर मौक़े दिए जाने की बात पर ज़ोर दिया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में राष्ट्र के निर्माण में महिला कानून निर्माताओं की भूमिका पर आयोजित पहले सम्मलेन के उद्घाटन पर ये बात कही।

इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का अधिकार देता है। इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि राज्य के तहत होने वाली नियुक्तियों और रोजगार के संबंध में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण को देखते हुए हमारे संविधान को साल 1993 में संशोधित किया गया। 73वें संशोधन के जरिये संविधान में अनुच्छेद 243-ए से 243-ओ तक जोड़ा गया। इस संशोधन में इस बात की व्यवस्था की गई कि पंचायतों और नगरपालिकाओं में कुल सीटों की एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी। इस संशोधन में इसकी भी व्यवस्था की गई कि पंचायतों और नगरपालिकाओं में कम से कम एक तिहाई चेयरपर्सन की सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित हों। 

राष्ट्रपति ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों द्वारा महिलाओं के लिए 33% आरक्षण को लागू करने में सकारात्मक कार्यवाई से महिलाओं के प्रतिनिधित्व में तेजी से वृद्धि हुई है। वास्तव में देखा जाए तो पंचायतों में चुनी गई महिलाओं का प्रतिनिधित्व 40% हो गया है। कुछ राज्यों में पंचायतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50% तक पहुंच गया है। भारतीय समाज के आगे शक्तिकरण के लिए नगरपालिकाओं और पंचायतों में लगातार बढ़ रहे महिलाओं का प्रतिनिधित्व अच्छा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिना प्रतिनिधित्व के महिलाओं का सशक्तिकरण कैसे हो सकता है। 

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