अब महिला प्रधान गाँव के विकास में निभा रहीं अग्रणी भूमिका 

Update: 2017-05-07 16:38 GMT
महिला प्रधान ब्लॉक स्तर के कामकाज खुद संभाल रही हैं।

नीतू सिंह/स्वाती शुक्ल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। समय के साथ अब कुछ महिला प्रधान ब्लॉक स्तर के कामकाज खुद संभाल रही हैं, ये महिलाएं अपने कार्यों के लिए पुरुषों पर निर्भर नहीं हैं। महिलाओं के द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक किए गये कार्यों की वजह से उन्हें पंचायतीराज दिवस पर सम्मानित किया गया।

“हमारी ग्राम पंचायत में स्वच्छता पर खास ध्यान गया है। गाँव की सभी नालियों को पक्का बनाकर ढंका गया है। कोई भी नाली खुली नहीं है। इस वजह से हमारे गाँव के लोग बहुत कम बीमार पड़ते हैं।” ये कहना है चंदौली जिले की तियरी ग्राम पंचायत की प्रधान सरिता सिंह (36 वर्ष) का।

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वो आगे बताती हैं, “पिछली वर्ष भी पंचायतीराज दिवस पर जमशेदपुर में प्रधानमंत्री द्वारा हमें सम्मानित किया गया था, जिसमें 50 लाख रुपए की धनराशि मिली थी। उस धनराशि से मैंने 109 हैण्डपंप लगवाए। पंचायत के लोगों को अब पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है।”

सरिता सिंह दो बार से लगातार प्रधान चुनी जा रही हैं और ये अपना काम खुद करती हैं। सरिता सिंह का कहना है, “यात्रियों के ठहरने के लिए यात्री घर, गरीब परिवार गाँव से ही शादी कर पाएं उनके लिए सामुदायिक भवन जैसे तमाम कार्य करवाएं हैं।” स्नातक की पढ़ाई कर चुकी सरिता बताती हैं, “हमे कहीं भी जाना होता है हम खुद अपना साधन करके जाते हैं, पति मदद कर दें तो अच्छी बात है पर हम पूरी तरह से निर्भर नहीं हैं।”

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