यूपी में सपा-बसपा गठबंधन टूटा

मायावती ने गठबंधन टूटने का ऐलान करते हुए कहा कि हम ने गठबंधन धर्म का पालन किया लेकिन अब इसे आगे बढ़ाना संभव नहीं था।

Update: 2019-06-24 08:28 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच हुआ गठबंधन टूट गया है। यह गठबंधन लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर बीजेपी और पीएम मोदी को रोकने के लिए हुआ था। लेकिन चुनाव में इस गठबंधन को आशातीत सफलता नहीं मिली। इसके बाद से लगातार सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठ रहे थे।

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सोमवार को गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि भविष्य में पार्टी सभी छोटे-बड़े चुनाव अपने बूते पर लड़ेगी। इससे पहले आम चुनावों का परिणाम आने के बाद मायावती ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को अकेले लड़ने की बात कही थी। तभी से इस गठबंधन के टूटने की सुगबुगाहट तेज हो गई थी।

मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, "हमने सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवे भुला दिए। यहां तक कि 2012-2017 तक सपा सरकार में किए गए बसपा एवं दलित विरोधी फैसलों, पदोन्नति में आरक्षण की राह में रोड़े अटकाना और खराब कानून-व्यवस्था को भी हमने दरकिनार कर दिया। सब कुछ भुला कर हमने देश और जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी निष्ठा के साथ निभाया। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद सपा का व्यवहार बसपा को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके भविष्य में बीजेपी को हरा पाना संभव होगा? हमारे हिसाब से तो यह संभव नहीं होगा।"

उन्होंने आगे लिखा कि इसलिए हमने पार्टी और आंदोलन के हित में फैसला लिया है कि बसपा भविष्य में होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अपने बूते पर लड़ेगी। 

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