वाह! कार पार्किंग की जगह भी बन सकता है जल संरक्षण का माध्यम, जानिए कैसे?

वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर कंडासामी सुब्रमणि ने अपनी कार पार्किंग को ही जल संरक्षण का केंद्र बना दिया है।

Update: 2019-07-04 12:11 GMT

लखनऊ। भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया जल संकट से जूझ रही है। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो विभिन्न माध्यमों से जल संरक्षण के तरीके सीखा रहे हैं। वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर कंडासामी सुब्रमणि ने जल संरक्षण के एक ऐसे ही तरीके को ईजाद किया है। मेडिकल कॉलेज में आईसीयू के हेड डा. सुब्रमणि ने अपनी कार पार्किंग को ही जल संरक्षण का केंद्र बना दिया है। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से साझा किया है कि कैसे कार पार्किंग के द्वारा जल को संरक्षित किया जा सकता है।


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प्रो. सुब्रमणि ने जहां अपनी कार की पार्किंग बनाई है उसके नीचे 60 हजार लीटर का टैंक है, जिसमें बरसात का पानी जमा होता है। कार पार्किंग के इस टैंक में उनके पूरे घर का पानी जमा होता है। इसके अलावा बारिश के समय छत पर गिरने वाले पानी को भी इस टैंक से जोड़ा गया है। पार्किंग के शेड पर लगे गटर्स को भी पाइप के द्वारा टैंकर से जोड़ा गया है ताकि शेड पर भी जमा हुए पानी को इकठ्ठा किया जा सके।


कंडासामी सुब्रमणि अपने फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि इस टैंकर में दो चरणों का फिल्टर सिस्टम है। पहले चरण में बड़े कंकड, बजरी और चारकोल होते हैं जबकि दूसरे चरण में छोटे-छोटे कंकड़, बजरी और बालू के तीन स्तर होते हैं। बारिश और घर का खराब पानी इनसे छनकर टैंक में जाता है जो काफी हद तक शुद्ध होता है और जिसे पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।



60 हजार लीटर के इस टैंक में एक सबमर्सिबल मोटर लगा हुआ है। जिसके द्वारा पानी को पुनः प्रयोग के लिए बाहर निकाला जाता है। साल में एक बार इस टैंक की सफाई होती है, जिसमें भी सबमर्सिल मोटर काम आता है। 


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