नई दिल्ली (भाषा)। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने आज राज्यसभा में केंद्र सरकार पर उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में खाली जल ट्रेन भेज कर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया और सदन से वॉकआउट किया।
सपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र से टैंकरों के लिए तालाबों की सफाई करने के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराने और बांधों के रुके हुए प्रस्तावों को मंजूरी देने का आग्रह किया था। लेकिन केंद्र ने राज्य सरकार से बात किए बिना पानी की ट्रेन बुंदेलखंड भेज दी।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पानी को लेकर राजनीति करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कहीं भी पानी का टैंकर भेजने से पहले उसकी भाप से सफाई की जाती है ताकि पीने के पानी में कोई संदूषण न रहे। उन्होंने कहा कि सूखाग्रस्त इलाकों में जाने से पहले 10 वैगन वाली ट्रेन की भाप से सफाई की गई और अभी झांसी में उसमें पानी भरा जा रहा है।
उन्होंने ये भी कहा कि कल उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की थी और कहा था कि राज्य को जो भी मदद चाहिए उसे दी जाएगी। बहरहाल, प्रभु के जवाब को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए सपा सदस्यों ने उनसे लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के लिए माफी की मांग की और फिर सदन से वाकआउट कर गये। उच्च सदन की बैठक शुरु होने पर सपा के नरेश अग्रवाल ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पानी की ट्रेन बुंदेलखंड भेजने का फैसला करने से पहले उत्तर प्रदेश सरकार से कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि जब ट्रेन बुंदेलखंड पहुंची तो वो खाली थी उसमें पानी नहीं था।