यूपी का 10 फीसदी बजट किसानों की कर्जमाफी को समर्पित 

Update: 2017-04-04 21:28 GMT
उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आबादी का करीब 40 प्रतिशत कृषि कार्य में लगे हुए हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का बजट लगभग 3.60 लाख करोड़ का होता है। जिसमें से 36000 करोड़ रुपये राज्य सरकार लघु एवं सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने में खर्च कर देगी। ऐसे में राजकोषीय घाटे को संभालने के लिए सरकार को खर्च में कटौती या कुछ नये उपकरों का प्राविधान राज्य सरकार के आगाजी बजट में करेगी। जिससे जनता पर बोझ बढ़ने की आशंका है। फिलहाल सरकार की ओर से इस तरह का कोई इशारा नहीं किया गया है। मगर ये होना तय माना जा रहा है।

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सीमांत और लघु किसान जिसकी जोत 2.50 एकड़ से कम की है, वह आमतौर से 50 हजार तक का लोन बीज, खाद, कीटनाशक, छोटे कृषि उपकरण खरीदने के लिए लेता है। मगर इसके भुगतान में देरी होने पर कई बार ये लाखों तक पहुंच जाता है। किसान नेता शेखर दीक्षित का कहना है कि किसान ब्याज की असली परेशानी से परेशान है। इसलिए एक लाख रुपये तक की कर्जमाफी कुछ राहत तो देती है मगर पूरी तरह से पीड़ामुक्ति नहीं हो सकी है।

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राजस्व का दस फीसदी कर्ज माफी में चला जाएगा

हाल ही में जारी स्टेट बैंक की रपट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश सरकार का कुल राजस्व 3,40,255.24 करोड़ रुपये था और यदि इसमें से करीब 36 हजार करोड़ रुपये की ऋण माफी पर व्यय किए जाते हैं तो यह सरकार के कुल राजस्व का करीब 10 फीसदी से भी अधिक होगा। होगा। भारतीय स्टेट बैंक की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 के आंकड़ों के मुताबिक अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का उत्तर प्रदेश में 86,241.20 करोड़ रुपये का किसान ऋण बकाया है। इसमें प्रत्येक ऋण औसतन 1.34 लाख रुपये का बनता है।

यूपी की 40 फीसदी आबादी करती है खेती

सामाजिक आर्थिक एवं जातीय जगगणना-2011 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आबादी का करीब 40 प्रतिशत कृषि कार्य में लगे हुए हैं। वहीं 2010-11 की कृषि जनगणना के अनुसार राज्य में कृषि भूमि रखने वालों में 92 प्रतिशत छोटे या सीमांत किसान हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिध्दार्थनाथ सिंह ने कहा कि, हम इन 92 फीसदी किसानों को लाभान्वित कर रहे हैं।

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