अयोध्या : रामलला की सुरक्षा के लिए 22 सालों बाद पीएसी का होगा पुर्नगठन

Update: 2017-10-03 20:25 GMT
पीएसी 

लखनऊ। प्रदेश में 1995 के बाद से पहली बार पीएसी (प्राविंसियल आ‌र्म्ड कांस्टेबुलरी) की संरचना का पुर्नगठन होगा। उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने फैजाबाद मंडल में तैनात पीएसी की अगुवाई के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी की तैनाती करने का फैसला किया है।

सरकार के इस फैसले के बाद फैजाबाद मंडल पीएसी का एक नया क्षेत्र बन जायेगा। जब कि इस पूरी कवायद को पूरा करने के लिए पीएसी बरेली जोन खत्म कर उसे मुरादाबाद जिले में सम्मिलित कर दिया गया है।

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एडीजी पीएसी राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि, पीएसी की संरचना को फिर से संगठित करने और डीआईजी को नियुक्त करने के मद्देनजर ही इस तरह का निर्णय लिया गया है। इसके पीछे मकसद केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि, किसी भी संवेदनशील जिले में पीएसी बल मुसीबत के समय में तेजी से पहुंच और कानून-व्यवस्था को नियंत्रण कर सके। वहीं 2005 में हथियारों से लैस पांच आतंकवादियों ने जुलाई में अस्थायी राम जन्मभूमि पर हमला कर दिया था, जिसके बाद रामलला की सुरक्षा और अधिक चाकचौबंद करने के लिए उस वक्त की मौजूदा सरकार ने वहां पीएसी की 14 कंपनियों को हर वक्त तैनात कर दिया था।

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अयोध्या में काफी लंबे समय से राम लला की सुरक्षा में पीएसी की 14 बंटालियन हर वक्त तैनात रहती है। अभी तक अन्य जिलों से पीएसी की सुरक्षा बटालियन फैजाबाद और अयोध्या की सुरक्षा के लिए मुहैया कराई जाती थी। लेकिन परिवर्तन के साथ, सरकार ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि, एक आईपीएस अधिकारी सुरक्षा कर्मियों को सीधे निगरानी और कमांड करता रहेगा, जिससे किसी भी अनहोनी की हालात में फोर्स उसके नेतृत्व में मोर्चा ले सके। फिलहाल पीएसी के एडीजी ने पूरा मसौदा तैयार कर शासन को भेज दिया है, जिस पर जल्द मोहर लगने के बाद पीएसी में डीआईजी स्तर के अधिकारी की फैजाबाद में तैनाती कर दी जायेगी।

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