दलितों को लुभाने के लिए भाजपा बना सकती है किसी दलित को प्रदेश अध्यक्ष

Update: 2017-04-27 20:17 GMT
कोई दलित हो सकता है प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक एक और दो मई को होगी। इस बैठक से पहले या इसके दौरान पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया जा सकता है।

अध्यक्ष पद से केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद से कई नामों की चर्चा बतौर प्रदेश अध्यक्ष हो रही है। बीजेपी से जुड़े लोगों का मानना है कि भाजपा इस बार किसी अनुसूचित जाति के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। ताकि दलितों के बीच में पार्टी अपनी पैठ को बढ़ा सके।

भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो विद्या सागर सोनकर, रामशंकर कठेरिया और जेपीएस राठौर का नाम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के तौर पर सामने आ रहा है। मगर प्रदेश में जो भी भाजपा का अध्यक्ष बनेगा, उसके लिए जरूरी होगा कि वह 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के 73 सीटों पर विजय के रिकार्ड को बेहतर बना सके या कम से कम बीजेपी का प्रदर्शन उससे नीचे तो बिल्कुल भी न जाए। इसलिए सबसे अधिक दलित वोटों को एकजुट करने की कोशिश हो रही है।

भाजपा नेतृत्व का मानना है कि पिछड़े वर्ग और अगड़ों से अधिकांश वोट पार्टी को मिल रहा है। मगर दलितों में एक बड़ा वर्ग अब भी बसपा में जाता है। इसलिए लगातार भाजपा दलितों को रिझाने की कोशिश में लगी हुई है।

भाजपा की कार्यसमिति में सामने आ सकता है नया अध्यक्ष

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक केजीएमयू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजन किया जाएगा। जिसकी शुरुआत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। जबकि अंतिम दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का संबोधन होगा। इस कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष का मनोनयन भी संभव है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया ‘‘प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कार्यकर्ताओं को दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी वर्ष को लेकर हो रहे आयोजनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। आने वाले चुनाव में जनता के बीच किस तरह से जाना है, इसकी भी जानकारी होगी।’’

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