दाढ़ी वाले मुसलमानों को मायावती ने कहा था कुत्ता, मुझसे मांगे थे 50 करोड़ : नसीमुद्दीन सिद्दीकी
लखनऊ। बसपा से निकाले गए एमएलसी नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज मायावती पर गंभीर आरोप लगाए। इसके साथ ही मायावती के साथ बातचीत का टेप जारी करके आरोपों का सबूत भी दिया। नसीमुद्दीन ने साथ लखनऊ में प्रेस वार्ता कर के उन्होंने कहा कि माया ने कम सीट मिलने पर दाढ़ी वाले मुसलमानों को कुत्ता कहा था। जबकि मुझसे 50 करोड़ रुपए नगद मांगे।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि झूठ और फरेब के सहारे आरोप लगा कर किया गया है, उसका खुलासा भी रखूंगा। चुनाव के बाद मायावती ने मुझे बुलाया मेरे साथ में मेरा बेटा भी था। दिल्ली बुलाया गया। मुझसे कहा कि मैं जानना चाहता हूं छिपाना नहीं चाहिये बताना चाहिये। सवाल किया कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं किया। मुसलमानों ने बीएसपी को वोट दिया। जब तक कांग्रेस और सपा का गठबंधन नहीं हुआ था तब मुसलमान ज्यादा था। मगर गठबंधन हो गया तो मुसलमान कन्फ्यूज हुआ और बंट गया। पहले से कमी आई। वह कहने लगीं कि मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं। ये बात उन्होंने 19 अप्रैल को बीएसपी कार्यालय में हजारों लोगों के सामने कही। हमने 1993 में सपा से गठबंधन किया। 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया। मुझे गुमराह कर रहे हो। उल्टा सीधा बोलने लगीं। पहले भी बोला। मगर कहा था कि भविष्य में नहीं बोलूंगी। मुसलमानों को गद्दार कहा। दाढ़ी वाले मुसलमानों को कुत्ता कहा था। किसी को इस तरीके से कहना है। मैंने एक मौलान से आपको नहीं मिलाया।
मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बताया ब्लैकमेलर , कहा- टेप से की छेड़छाड़
आनंद कुमार और सतीश मिश्रा ने मौलानाओं से मिलवाया। बैकवर्ड और अपर कास्ट ने हमको वोट नहीं दिया। अगर कोई वोट नहीं देता है तो हम क्या करें। धोबी पासी, सोनकर, कोरी बाल्मीकि ने वोट नहीं दिया। सबको भला बुरा कहा। फिर कहा कि तुमसे बात में बाद करोंगी। 19 अप्रैल की मीटिंग में उन्होंने माइक से कहा कि एक वरिष्ठ नेता ने गठबंधन की वजह से ये हुआ। अगर मैं कांग्रेस और सपा से गठबंधन करती तो उनका वोट मुझे नहीं मिल पाता।
19 अप्रैल के अपने भाषण में कांशीराम को नीचा दिखाने की कोशिश की। 2002 में जब विधानसभा चुनाव यूपी और पंजाब में चुनाव हुआ तो वह यूपी का सारा रुपये लेकर चले गए। यूपी में हम 100 सीटें जीत गए। वे कांशाम पंजाब में खाता भी नहीं खोल सके। लोगों के सामने बात रखी। जिन्होंने राजनीति सिखाई उनको भी नीचा दिखाया। लोग चाहते हैं कि आप घोषणापत्र जारी करो। लोग आपसे मिलती नहीं है। आपने 55 जनसभाएं की जबकि दूसरे दलों ने 250-300 जनसभाएं कीं। किसी प्रत्याशी के लिए वोट नहीं मांगा। जो अब हो रहा है वह कभी नहीं हो रहा है। आपका के यहां सभी की तलाशी होती है। इन्हीं सब बातों से वह नाराज हो गई थीं।
एक दिन अकेले बुलाया और कहा कि पार्टी को पैसे की जरूरत है। आपको इंतजाम करना होगा। 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था करो। मैंने कहा ये मैं कहां से लाऊं। बोला मेरे पास नहीं है तो कहा कि अपनी प्रापर्टी बेच दो। प्रापर्टी बेचूंगा भी तो 50 करोड़ का चौथाई हो जाए तो वह भी बहुत होगा। आपको आगे बढ़ना है तो ये करना होगा। आपने जिनसे काम करवाएं हैं। उनको बुलवाएं। प्रापर्टी बेच दो। मैं संपत्ति बेचने को भी तैयार है। तुम्हारे परिवार वाले काम नहीं आएंगे।