औरैयाः नहर में नहीं पानी, कैसे होगी सिंचाई

Update: 2017-04-23 05:55 GMT
सूखी पड़ी नहर।

रहनुमा बेगम, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

औरैया। जायद फसल की बुवाई करने से पहले खेत की पलेवा करने के लिए नहर और माइनर में पानी न होने से किसानों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट नलकूप से पलेवा करने पर किसानों की जेब हल्की हो रही है।

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जिले की नहरों में पानी न छोड़े जाने से जायद की फसल बुवाई में किसानों को डबल नुकसान सहना पड़ रहा है। जिन किसानों ने नहर के पानी से पलेवा कर पहले फसल की बुआई कर दी थी उन्हें सिंचाई के लिए अब नहर का पानी नसीब नहीं है। जिले के सात ब्लॉकों में दो ऐसे ब्लॉक हैं, जहां दलहनी फसलें अधिक होती हैं वो हैं औरैया और भाग्यनगर। मक्का की बुवाई कर चुके किसानों को पानी न मिलने से उनकी फसल मुरझाने लगी है। इसी के साथ जिन किसानों ने मूंग और उड़द की बुवाई कर दी है उसमें भी सिंचाई की जरूरत है।

नरोत्तमपुर निवासी देवी दयाल (45) बताते हैं, “एक एकड़ में मूंग की फसल बोई है। नहर में पानी न आने से फसल मुरझा कर सूखने की कगार पर है। अगर तीन दिन में पानी न मिला तो फसल सूख जाएगी। नलकूप से पानी लगाना बहुत मंहगा पड़ रहा है।” लघु सीमांत किसान राहतपुर निवासी भुवन प्रकाश (42) बताते हैं, ‘मेरे पास एक एकड़ जमीन है। इसके अलावा मैं बटाई पर खेती करता हूं। बटाई पर लिए गए खेत में मूंग और उड़द की बुवाई की है। पानी न मिलने से भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।”

इस बारे में औरेया जिले के नहर विभाग के अभियंता राजीव मित्तल ने बताया कि भोगनीपुर प्रखंड, सेंगुर नदी, अरिंद नदी में पानी नहीं आ रहा है। पानी छोड़े जाने के लिए कह दिया गया है। अगले सप्ताह तक नहरों में पानी आ जाएगा।

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