अागरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण: भटकते किसानों में जगी मुआवजा मिलने की आस

Update: 2017-04-25 14:57 GMT
तमाम किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

उन्नाव। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई। तमाम किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। वे मुआवजे के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जिले के 7789 किसानों की 667 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित हुई थी। बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने क्षेत्रीय भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर से मिलकर अपनी समस्या बताई। वहीं मुख्यमंत्री की ओर से जांच के आदेश दिए जाने के बाद किसानों में मुआवजा मिलने की आस जगी है।

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नसिरापुर गाँव के राजेंद्र कुमार अपनी आठ बीघा जमीन का मुआवजा पाने के लिए सरकारी ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। राजेंद्र ने कहा, “मेरी व मेरे भाइयों की भूमि गाटा संख्या 137 का यूपीडा ने अधिग्रहण किया था। उन्नाव-हरदोई मार्ग से लगी नगरीय क्षेत्र की इस कीमती जमीन का खेतिहर भूमि के अनुसार 16 लाख रुपए प्रति बीघा के अनुसार मुआवजा दिया गया, जबकि नियमानुसार करीब 25 लाख रुपए प्रति बीघा मुआवजा बनता है। पर कुछ किसानों को तो रजिस्ट्री के एक साल बाद भी मुआवजा नहीं मिला है।”

वहीं भगवंतपुर गाँव के अरविंद, रामलाल, मनोहर, मूलचंद्र की सात बिस्वा जमीन का अधिग्रहण कर यूपीडा ने 27 अप्रैल 2016 को जमीन की रजिस्ट्री कराई। इसी जमीन से उन्नाव-हरदोई रोड के लिए कट दिया गया है। सड़क बन गई है और सर्विस रोड बनाने का काम चल रहा है, लेकिन मुआवजा अब तक नहीं मिला। कुछ मामलों में तो मुआवजे की लड़ाई कोर्ट तक पहुंच गई है।

भाजपा सरकार किसानों के हक के लिए हर जरूरी जांच और कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों को न्याय दिलाने का फैसला लिया है। सत्ता के बल पर जिन किसानों से उनकी जमीनें छीनीं गईं हैं। सत्ता के दबाव जिन किसानों के अधिकारों का हनन किया गया है, उन्हें उनका हक दिलाया जाएगा। जिन किसानों का उत्पीड़न सत्ता के दबाव में किया गया और इसमें जिन अधिकारियों ने इसमें सहयोग किया उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। 
कुलदीप सिंह सेंगर, भाजपा विधायक, बांगरमऊ

कबीपुर के रहने वाले श्रीपाल सिंह (62 वर्ष) ने बताया, “जिस जमीन पर हवाई पट्टी बनी है। उसके लिए गाँव के दर्जनों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जमीन का मुआवजा 10 लाख रुपए प्रति बीघा तय किया गया। इसके बाद कई किसानों ने कोर्ट की शरण ली। मामला फंसते देख यूपीडा सीईओ नवनीत सहगल ने एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि आपसी सहमति के आधार पर किसानों को 15 लाख रुपए बीघा की दर से मुआवजा दिया गया है।” श्रीपाल ने बताया कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

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