लखनऊ की दुबग्गा मंडी में किसानों से होती है अवैध वसूली-किसान

Update: 2017-04-09 14:07 GMT
मंडियां अभी भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहीं हैं।

लखनऊ। एक तरफ जहा केंद्र सरकार मंडियों को डिजिटल बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मंडियां अभी भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहीं हैं। अहिरन खेड़ा गाँव के किसान बहादुर यादव (45 वर्ष) कहते हैं, “हमारी खेती में जो भी पैदा होता है, उसे बेचने के लिए यहां पर आते हैं, लेकिन मंडी में चारों तरफ धांधली मची है। मंडी के कर्मचारी वसूली में लगे रहते हैं। कोई भी सुनने वाला नहीं है।”

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लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर दुबग्गा सब्जी मंडी में जगह-जगह गंदगी फैली रहती है, न पेयजल की सुविधा है और न ही किसानों के बैठने की जगह। अतिक्रमण के चलते एक और चार नंबर गेट पर जाम लगा रहता है, जिसके चलते राहगीरों के साथ ही व्यापारी, किसानों और आढ़तियों को परेशानी होती है। मंडी में सब्जी बेचने आए धिगिया प्यारेपुर गाँव के किसान जगदीश रावत (48 वर्ष) बताते हैं, “हमारे आय का जरिया मंडी ही है, क्योंकि जो भी फसल पैदा होती है, उसको बेचने के लिए सब्जी मंडी आते हैं। अब गर्मी आ गयी है, लेकिन पीने का पानी तक नहीं मिलता है। पूरी मंडी में गंदगी फैली रहती है।”

मंडी के रेस्ट रूम में सोते मिले मंडी प्रभारी

मंडी की अव्यवस्था पर जब दुबग्गा सब्जी मण्डी प्रभारी शिवगोपाल से बात करने की कोशिश की गयी तो काफी प्रयास के बाद गेट नंबर एक पर रेस्टरूम में वह सोते मिले। मंडी प्रभारी ने बताया, “मण्डी में लोगों की परेशानी का समाधान कराया जाएगा आप जो भी समस्याएं बता रहे हैं धीरे-धीरे सब सही हो जाएंगी।”

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