सच्ची निष्ठा से काम करें पुलिसकर्मी, ताकि यूपी पुलिस कामयाबियों की इबारत लिख सके : डीजीपी सुलखान
लखनऊ। जब तक थानों की कार्यशैली में सुधार नहीं होगा तब तक आदर्श पुलिसिंग को सही मायने में धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। पुलिसकर्मियों को सबसे पहले थानों पर आम आदमी के साथ अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा। थाने पर आने वाले हर जरूरतमंद के दुख-दर्द एवं पीड़ा को धैर्य एवं सहानुभूतिपूर्वक सुनना और उनकी पीड़ा को दूर करने का प्रयाय करना होगा। यूपी डीजीपी की कमान संभालने के बाद डीजीपी सुलखान सिंह ने प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को मंगलवार को संदेश देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस विश्व का विशालतम पुलिस संगठन है, जिसका अत्यंत गौरवमयी इतिहास रहा है। ऐसे संगठन का हिस्सा होना हम सभी के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझ रही है। जहां एक ओर पुलिस को परंपरागत सामाजिक अपराधों से जूझना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध, आपदा प्रबंधन, आतंकवाद जनित आन्तरिक सुरक्षा के मुद्दे हमारे लिए गंभीर चिन्ता का विषय बने हुए हैं। पुलिस को जहां मानवीय गरिमा को आहत करने वाले अपराध ह्यूमन ट्रैफिकिंग और महिला-उत्पीड़न को अपनी प्राथमिकता के केन्द्र में लाना है, वहीं दूसरी ओर नए-नए किस्म के अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अपनी दक्षता भी बढ़ानी है।
ये भी पढ़ें- यूपी की हाईटेक पुलिस को ट्विटर से बदलाव लाने के लिए मिला सोशल मीडिया एम्पावरमेंट अवार्ड
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं और इन चुनौतियों से हमेशा ही रूबरू होना पड़ेगा। कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं हो सकती जिसे हम अपने कार्य कौशल से न सुलझा सकें और इसके लिये हमें तत्काल कुछ सुधारात्मक प्रयास करने होंगे। सुलखान सिंह ने कहा कि दृढ़ विश्वास है कि नागरिकों के बीच पुलिस की विश्वसनीयता पर हमारी पूरी कार्यप्रणाली आधारित है। एक अच्छा इंसान होना किसी भी प्रकार की अच्छाई की बुनियाद है। शिकायती प्रार्थना-पत्रों की जांच एवं अपराधों की विवेचना में निष्पक्षता हमारा मूलमंत्र होना चाहिये। अपराधों का पंजीकरण न करना समाज में अलोकप्रिय छवि बनाता है और इससे जनता के प्रति हमारी विश्वसनीयता में गिरावट आती है। बिना प्राथमिकी दर्ज किए हम अपराधियों को किस प्रकार दंडित कर सकते हैं? अपराध का शत-प्रतिशत पंजीकरण अपराध निवारण का सबसे बड़ा सू़त्र है।
उन्होंने कहा कि नेतृत्व की पहली शर्त यह है कि हम अपने अधीनस्थों के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें, जहां अधिकारी अपने आचरण से अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं उन जिलों की कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर दिखाई देती है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस परिसरों खासकर थानों की सफाई एवं रख-रखाव अच्छा होना चाहिए। पुलिस परिसर में कूड़ा-करकट, कन्डम सम्पत्ति और जब्तशुदा मोटर वाहन जल्द से जल्दा निस्तारण होना चाहिए। पुलिस महानिदेशक ने अपने इस संदेश के माध्यम से सभी पुलिस वालों का आह्वान करते हुए कहा है कि इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सच्ची निष्ठा और मन से पुलिसकर्मी काम करें, जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस कामयाबियों की नई इबारत लिखने में सफल हो।