उत्तर प्रदेश में पूर्व विधायक-मंत्री और नहीं कर पाएंगे सरकार के लोगो का इस्तेमाल

Update: 2018-01-01 15:52 GMT
यूपी सरकार का लोगो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब पूर्व मंत्री, विधायक और पूर्व एमएलसी राज्य सरकार के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का इस्तेमाल अपने लेटर हैड पर नहीं कर पाएंगेे। विधानसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

अभी तक पूर्व एमएलए, एमएलसी और पूर्व मंत्री अपने लेटरहैड पर मछली के चिन्ह वाले प्रदेश सरकार के प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगे। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आदेश जारी कर दिया है।

माना जा रहा है विधासभा स्पीकर ने प्रतीक चिन्ह के दुरुपयोग का इस्तेमाल रोकने के लिए ये निर्णय लिया है। आदेश के तहत पूर्व सीएम भी इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे।

इस खबर के आने के बाद पूर्व विधायकों और मंत्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी है। सपा के पूर्व विधायक एवं अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके अभिषेक मिश्रा ने गाँव कनेक्शन संवाददाता अश्वनी द्धिवेदी से बातचीत में बताया कि हम लोगों ने तो कभी लोगो इस्तेमाल किया नहीं है। मुझे लगता है कि अगर लेटर पर लोगो है और उसके नीचे कोई विधायक पूर्व लिखकर लेटर लिखता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर विधान सभा ने निर्णय लिया है तो हमें उसका सम्मान करना चाहिये।

वहीं बसपा के पूर्व विधायक एंव पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे ने बताया कि अब सरकारी लोगो का कोई सम्मान तो रह नहीं गया है ये भाजपा के लिये एकाधिकार हो गया है। पूर्व लिखकर लोगो का प्रयोग सिर्फ सम्मान के लिये होता है। इसका बहुत ज्यादा न तो कोई लीगल इंपैक्ट है न ही तो कोई मतलब। अब कैसे-कैसे तरीकों से लोगों को डाउनग्रेड किया जा सकता है उसी पर भाजपा लगी हुई है। पूर्व मंत्री लिखने में नुकसान ज्यादा होता है और फायदा कम

ऑल इंडिया कांग्रस कमेटी के सदस्य सुबोध श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो प्रतिनिधि चुने जा चुके हैं वो अगर पूर्व विधायक के तौर पर कर रहे हैं तो उससे सरकार को क्या परेशानी है। पूर्व विधायक या पूर्व मंत्री लिखने में सरकार को आपत्ति नहीं होनी चाहिये। भाजपा सरकार चाहती है कि सिर्फ इनके चुने हुए विधायकों और मंत्रियों के पत्र ही अधिकारियों के पास जाएं अन्य दलों के पूर्व विधायक व मंत्रियों के पत्र न जाएं

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