अच्छी ख़बर : योगी सरकार गांवों में खोलेगी 1300 नये स्वास्थ्य उपकेंद्र, भर्ती होंगे 2400 नये डॉक्टर

Update: 2017-08-05 19:33 GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

लखनऊ। स्वास्थ्य महानिदेशालय प्रदेश में 1300 नये स्वास्थ्य केंद्र शुरू करने जा रहा है। इनके अलावा 2400 नये डॉक्टर और हजारों की संख्या में नर्स के आैर पैरामेडिकल स्टाफ भी भर्ती किये जाएंगे। जिससे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को और सुद्रढ़ किये जाने की तैयारी है। मगर विडंबना ये है कि प्रदेश के हजारों स्वास्थ्य उपकेंद्र संसाधनों और स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। गांवों में अब तक सामान्य इलाज के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं, उनका इलाज के लिए लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे बड़े शहरों तक आना पड़ रहा है।

प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर वादा भाजपा ने अपने लोककल्याण संकल्प पत्र में किया था। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी लोगों को गुणवत्तायुक्त जहां स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने की व्यवस्था किये जाने की तैयारी है। लोगों को उनके गांवों के नजदीक ही स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें, इसकी तैयारी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।

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प्रदेश के प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार के सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर विशेष बल दिया जा रहा है। जिसके तहत टीकाकरण अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है। कालाजार, चेचक, कुष्ठरोग, आदि बीमारियों के निवारण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। प्रमुख सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के तहत अवस्थापना विकास और मानव संसाधन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय स्टाफ की कमी को हर स्तर पर दूर किया जा रहा है।

चिकित्सक के 1000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1409 चिकित्सकों की नियुक्ति भी अलग से की जाएगी। एएनएम, स्टाफ नर्स की भर्ती के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ को भी रखे जाने की कार्यवाही की जा रही है। त्रिवेदी ने बताया कि स्वास्थ्य विभागऔर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति पूरी तरह गम्भीर है। उन्होंने बताया कि 1345 नये स्वास्थ्य उपकेन्द्रों के विस्तार की कार्यवाही की जा रही है। 11440 नये उपकेन्द्रों को स्थापित किया गया है। इनमें ए0एन0एम0 की तैनाती की स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि मिशन सभी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए सतत् प्रयत्नशील है। टीकाकरण की गति देने के लिए इसकी व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है।

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“प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्त को बढ़ाने की हरसंभव कोशिश सरकार की ओर से की जा रही है। नये अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने के अतिरिक्त स्टाफ बढ़ाया जाएगा। गांव में लोगों को अधिक इलाज मिल सके, इसकी भी पूरी कोशिशें होंगी। निकट भविष्य में परिणाम सामने आने लगेंगे।”
सिध्दार्थनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, उप्र

कार्यक्रम में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इण्डिया की सलाहकार सुश्री प्रीति ने प्रदेश में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कमी लाने, टीकाकरण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु अपने बहूमूल्य सुझाव दिए। कार्यशाला में नीति आयोग के प्रतिनिधियों सहित महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 पद्माकर सिंह तथा महानिदेशक, परिवार कल्याण मौजूद थी।

गठित होगा “मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन”

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए अस्पतालों में दवाओं की समय से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन’’ के गठन की कार्यवाही की जा रही है।

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आलोक कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने के लिए केन्द्र सरकार हर सम्भव मदद देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केन्द्र की कार्ययोजना के अनुरुप स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करना होगा और निर्धारित मानकों को भी पूर्ण करना होगा। उन्होंने कहा कि अवस्थापना और मानव संसाधन के अन्तर को हर स्तर पर कम किया जाना जरूरी है। आलोक कुमार ने प्रदेश में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि सभी चिकित्सालयों को गुणवत्तायुक्त बनाया जा रहा है। सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया जा रहा है।

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