कैसेट किंग की मौत के बीस साल : आजमगढ़ में बने तमंचे से की गई थी गुलशन कुमार की हत्या

Update: 2017-08-11 20:38 GMT
आजमगढ़ जिले का एक छोटा से गाँव है बम्भौर जहां बनाए जाते थे हथियार (फोटो : गांव कनेक्शन)

लखनऊ। आज ही के दिन सुबह जब म्यूजिक कैसेट कंपनी टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार पर आज के ही दिन 12 अगस्त, 1997 को गोलियां बरसाई गईं तो पुलिस के लिए एक नाम पहेली बन गया। मुंबई पुलिस की इसमें मदद की एक बुजुर्ग सिपाही ने।

दरअसल जिस तमंचे से गुलशन कुमार पर 16 राउंड फायर किए गए, वो जब पुलिस को बरामद हुआ तो उस पर लिखा था-'मेड इन बम्हौर'। मुंबई पुलिस समझ ही नहीं पा रही थी कि यह है कहां?

एक छोटी सी म्यूजिक कैसेट कंपनी से शुरुआत कर संगीत की दुनिया में तहलका मचाने वाले गुलशन कुमार की हत्या का कनेक्शन उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से रहा।

बम्हौर पहुंची गाँव कनेक्शन टीम को ग्राम पंचायत की प्रधान के पति रिजवान अहमद ने बताया, “उस समय गाँव में एक आदमी था, जिसका नाम था देवनाथ। वो कानपुर की गन फैक्ट्री में काम करता था। नौकरी छोड़ने के बाद वह गाँव में ही रहता था। एक बार किसी के कहनेपर देवनाथ ने ही एक तमंचा बनाया था। बाद में हम लोगों को भी पता चला कि उसी के बनाए देसी तमंचे से गुलशन कुमार की हत्या हुई थी और उस पर बम्हौर लिखा था।"

उस दिन गुलशन कुमार मुंबई स्थित लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स के अपने घर से थोड़ी दूर पर बने शिव मंदिर में पूजा करने के लिए निकले और बदमाशों ने उनका शरीर गोलियों से छलनी कर दिया। गुलशन कुमार पर 16 राउंड फायरिंग की गई।

गुलशन कुमार की देशी तमंचे से हत्या करने वाले विनोद जगताप को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।

इस बारे में मुबारकपुर थाना प्रभारी अनूप कुमार शुक्ला बताते हैँ, "कुछ साल पहले बम्हौर का नाम खराब था, इसका इतिहास बदनाम जरूर है लेकिन आज सब ठीक है। हम लोग अक्सर इस गाँव में जाते रहते हैं। अब ऐसा कुछ भी नहीं है।"

इसके अलावा कई आतंकी वारदातों में भी आजमगढ़ का नाम सुर्खियों में रहा। दिल्ली के बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद काफी दिनों तक आजमगढ़ का नाम लोग नहीं भूल पाए।

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