लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में उत्तर प्रदेश सरकार में खादी एवं ग्राम्य उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी के गनर मुकेश चंद शर्मा को शनिवार देर रात निलंबित कर दिया गया। विभूतिखंड इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार राय ने बताया कि लोहिया डायरेक्टर दीपक मालवीय की सूचना पर जीडी में एमआरआई मशीन में पिस्टल के चिपकने के चलते मशीन खराब होने का मामला दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल मंत्री के गनर जब शनिवार को लोहिया अस्पताल के एमआरआई रूम में पहुंचे तब उन्होंने नियमें का पालन नहीं किया और उनका गनर भी अपनी अंदर चला गया। जैसे ही मशीन स्विच ऑन हुई गनर की पिस्टल कमर से खिंचकर एमआरआई मशीन में लगे चुंबक से चिपक गई। इस कारण मशीन तेज आवाज के साथ बंद हो गई और वहां हड़कंप मच गया।
ये भी पढ़ें- एक बंदूक से खतरे में पड़ी मरीजों की जान
शुक्रवार को मंत्री सत्यदेव सिंह पचौरी हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान बेहोश हो गए थे इसलिए उन्हें लोहिया अस्पलात में भर्ती कराया गया था। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने उनकी जाँच की और फिर एमआरआई कराने भेजा। इसके बाद मंत्री अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ रेडियो डायग्नोसिस ब्लॉक पहुंचे और अस्पताल कर्मचारियों के मना करने के बावजूद वह एमआरआई रूम में चला गया जिसके बाद यह घटना हुई।
50 लाख रुपये खर्च होंगे मशीन को बनाने में
एमआरआई मशीन में चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए हीलियम गैस को विशेष तापमान पर रखा जाता है। अब इस मशीन से बंदूक को निकालने के लिए उसकी मैग्नेटिक फील्ड डिफ्यूज करनी पड़ेगी। इसके लिए लगभग 23 हजार लीटर लिक्विड गैस को मशीन से निकाला जाएगा और फिर उसके बाद पिस्टल को एमआरआई मशीन से बाहर निकाला जा सकेगा। माना जा रहा है कि गैस निकालने और मशीन को बनाने की पूरी प्रक्रिया में लगभग 50 लाख रुपये खर्च होंगें।
ये हैं नियम-
- एमआरआई जांच के दौरान तीमारदार को अंदर नहीं आने दिया जाता है।
- मरीज के पास कोई मेटल का सामान नहीं होना चाहिए।
- मरीज को अंदर ले जाने से पहले कर्मचारी चेक करते हैं कि उसके पास किसी भी तरह का ऐसा सामान न हो जो चुम्बकीय प्रभाव से मशीन से चिपके।
- घड़ी, बेल्ट, मोबाइल, पेन समेत कोई भी मेटल और गोल्ड का सामान न हो।
मंत्री के गनर ने किया था पिस्टल छुड़ाने का प्रयास-
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कर्मचारियों के अनुसार मंत्री के साथ लगभग 20 लोग पहुंचे थे लेकिन सभी को बाहर रोक लिया गया था और मंत्री के साथ गनर को एमआरआई रूम के अंदर जाने दिया गया था। जिसके बाद मंत्री के सभी सामान बाहर रखवा दिये गये थे लेकिन गनर अपनी पिस्टल रखना भूल गया और जैसे ही वह रूम में पहुंचा उसकी पिस्टल कमर से निकलकर एमआरआई मशीन से जा चिपकी।
जांच कमेटी गठित-
गनर पिस्टल के साथ एमआरआई रूम में कैसे पहुंचा, इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। संस्थान के निदेशक डॉ. दीपक मालवीय ने बताया कि जांच के लिए 6 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। वित्त नियंत्रक नरसिंह नारायण, रेडियोडायग्नोसिस विभाग की एचओडी प्रो. रागिनी सिंह, न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. एके ठक्कर, संयुक्त निदेशक होसिला प्रसाद वर्मा को सदस्य और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुब्रत चंद्रा को सदस्य सचिव बनाया गया है।
मशीन बनाने में लग सकते हैं 15 दिन-
लोहिया इंस्टीट्यूट प्रशासन ने शनिवार सुबह ही कंपनी विप्रो जीई को मशीन बनाने का निर्देश दे दिया है। इंजीनियरों की टीम ने मशीन का निरीक्षण किया। मुख्य इंजीनियर का कहना है कि मशीन ठीक होने में लगभग 15 दिन लग सकते हैं । इस दौरान मशीन का संचालन ठप रहेगा।
मशीन का संचालन ठप होने से मरीजों का काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। हालांकि लोहिया इंस्टीट्यूट का कहना है कि मशीन ठीक होने तक लोहिया की मशीन से मरीजों की जांच कराई जाएगी।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।