#InternationalFamilyDay : अब टूटे परिवारों को जोड़ेंगी पीलीभीत की तहसीलें

Update: 2017-05-15 11:29 GMT
ज़िले के पुलिस विभाग ने एक नई कोशिश शुरू की है।

अनिल चौधरी (स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)

पीलीभीत। पारिवारिक कलह और आपसी सामंजस्य व प्रेम स्थापित न होने के कारण छोटी-छोटी सी बातों पर टूटने की कगार पर पहुंच चुके परिवारों को जोड़ने के लिए ज़िले के पुलिस विभाग ने एक नई कोशिश शुरू की है। ऐसे परिवारों को दोबारा मिलाने के लिए चल रहे परिवार परामर्श केंद्रों का और अधिक विस्तार किया जाएगा।

अब ऐसे मामलों की सुनवाई जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील स्तर पाए भी हो सकेगी। इसके लिए सिपाही से लेकर अफसर तक सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। पीलीभीत मॉडल ऑफ़ परिवार परामर्श केंद्र का नाम देकर इसकी कार्य योजना तैयार की जा चुकी है। जल्द ही जिले में इसको लागू कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले काफी समय से दहेज उत्पीड़न, पति-पत्नी के बीच अनबन आदि या अन्य कोई पारिवारिक कलहों को काउंसलिंग के ज़रिये सुलह कराने के लिए पुलिस विभाग की ओर से परिवार परामर्श केंद्र चलाये जा रहे हैं। इन केंद्रों में सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को ऐसे मामलों की सुनवाई की जाती है। पीलीभीत जिले के एसपी देवरंजन ने इसको और बेहतर बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की है। इस व्यवस्था के तहत अब जिला मुख्यालय पर चलने वाला परिवार परामर्श केंद्र तहसील स्तर पर भी होगा। इसके लिए सिपाहियों से लेकर अधिकारियों तक की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। इसमें सुलह कराने के लिए काउंसलरों का चयन एसपी के द्वारा किया जायेगा। जिले की पूरनपुर और बीसलपुर तहसील में परिवार परामर्श केंद्र के आयोजन से पहले उनमें होने वाले काउंसलरों की तलाश तेजी से शुरू कर दी गई है। समाज सेवी, शिक्षण संस्थानों एवं संभ्रांत लोगों से संपर्क कर एसपी इसका चयन करने में जुटे हैं।

“पीलीभीत मॉडल ऑफ़ परिवार परामर्श केंद्र की शुरुआत काउंसलर मिलते ही शुरू कर दी जाएगी। जिसके बाद पूरनपुर और बीसलपुर तहसील में इसका आयोजन सीओ की अगुवाई में होगा। सुलह के लिए दोनों पक्ष नियत तिथि पर आ सकें, इसके लिए उनको नोटिस भेजे जाएंगे। इससे एक तरफ परिवार टूटने से बचेगा और शिकायत लंबित नहीं रहेगी।”
देवरंजन वर्मा, एसपी, पीलीभीत

जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर तहसील बीसलपुर के गाँव रोहतापुर निवासी धर्मेंद्र से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अब तक किसी परिवार में विवाद होने पर संबंधित थाना समस्या निवारण के लिए परिवार परामर्श केंद्र पीलीभीत को भेज देते थे जहां तारीखों पर जाने में काफी समय और पैसा खर्च होता था। अब तहसील पर ही ये केंद्र स्थापित होने से पैसा और समय दोनों की बचत होगी।"

इसी तरह बीसलपुर शहर के निवासी केशव अग्रवाल (45 वर्षीय) ने बताया कि अधिकतर परिवार में झगड़ों का समाधान अधिकारी परिवार परामर्श केंद्र में दोनों पक्षों को समझाकर करा देते हैं। लेकिन अब तक ये केंद्र जिला मुख्यालय पर होने के कारण मिलने वाली तारीखों पर दोनों पक्षों का पहुंचना संभव नहीं हो पाता था। जिसके कारण समस्या के समाधान में काफी वक़्त लग जाता था, लेकिन अब परिवार परामर्श केंद्र की व्यवस्था तहसील पर ही होने के कारण काफी सहुलियत मिलेगी।

थाना वार फरियादियों की होगी सुनवाई

काउंसलिंग में पहुंचने में दंपति और उनके परिवार वालों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए तहसील स्तर के आधार पर थानावार शिकायतों का चिन्हीकरण किया जाएगा। पूरनपुर तहसील के परिवार परामर्श केंद्र में हजारा, सेहरामऊ, माधोटांडा, पूरनपुर, गजरौला, थाना क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाएगा। बीसलपुर तहसील के लिए बरखेड़ा, बीसलपुर, दियोरिया कलां, बिलसंडा और सदर तहसील में अमरिया, जहानाबाद, सुनगढ़ी, कोतवाली, न्यूरिया के मामले देखे जाएंगे।

सीओ खुद कराएंगे काउंसलिंग

इस नई कार्ययोजना के तहत परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग उस सर्किल के सीओ की मौजूदगी में होगी जहां का मामला होगा। इसके अलावा उसके अंतर्गत आने वाले थानों के आधार पर हर सप्ताह एक-एक थानाध्यक्ष की ड्यूटी भी लगेगी। महिला पुलिस मौजूद रहेगी। कार्रवाई का रजिस्टर सीओ के पास होगा। जिसकी समय-समय पर एसपी- एएसपी मॉनिटरिंग करेंगे।

नोटिस भेजकर बुलाए जाएंगे दोनों पक्ष

अभी तक ऐसे मामलों में सुनवाई न होने के पीछे एक पक्ष के गैर हाज़िर होने की बात सामने आ रही थी। इसका समाधान करने के लिए अफसरों ने नोटिस भेजने की ठानी है। एक प्रपत्र तैयार किया गया है। जिसको परिवार से जुड़े मामले की तहरीर मिलने पर थाना पुलिस और अफसर तत्काल भरवाएंगे। दोनों पक्षों को नोटिस भेजकर सूचना पहुंचाई जाएगी। इसमें यह भी अंकित होगा की आपको किस तारीख को परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचना है। इसको तामील कराने की जिम्मेदारी संबंधित थानाध्यक्ष की रहेगी।

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