ट्रॉमा सेंटर में आग से मरीज़ों की मौत की ख़बर झूठी : केजीएमयू

Update: 2017-07-16 11:08 GMT
ट्रॉमा सेंटर

लखनऊ। शनिवार की शाम लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में भीषण आग लग गई। पूरी आग पर काबू पाने में लगभग दो से तीन घंटे का समय लगा। कुछ ख़बरों के मुताबिक, आग लगने के कारण मरीजों को बाहर लाया गया जिनमें से 5 मरीजों की मौत हो गई हालांकि केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इन खबरों को सिरे से नकार दिया है।

केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस एन संखवार ने बताया, "आग इतनी ज़्यादा होने के बावजूद भी उस पर पूरी तरीके से काबू पा लिया गया। स्टाफ और रेस्क्यू की बदौलत आग पर बहुत मेहनत की गयी और सबको सुरक्षित निकाल लिया गया। आग से कोई भी मृत्यु नहीं हुई हैं। अगर कोई यह कह रहा है कि आग से कोई मृत्यु हुई है तो ये गलत है। जिन मरीजों की मौत उस समय हुई वो आग से नहीं वो पहले से गंभीर हालत में होने से हुई हैं।

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उन्होंने कहा, जिन मौतों का जिक्र किया जा रहा है वह आग लगने की घटना के पूर्व की है तथा जो सामान्य दिनों में होने वाली मौतों से अधिक नहीं हैं। यह बात सब जानते हैं कि ट्रॉमा सेंटर मे ज्यादा गंभीर मरीज ही इलाज के लिए आते हैं। जिनमें से कुछ को लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा पाता है। शनिवार को हुई मौतें भी उन्हीं में से हैं न कि आग लगने की घटना की वजह से हैं।

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