यूपी में अब बस छह महीने के लिए मिलेंगे खनन के पट्टे

Update: 2017-05-09 15:53 GMT
नई सरकार के आने के बाद से खनन रुका हुआ है

लखनऊ। प्रदेश में खनन के पट्टे अब केवल छह महीने के लिए ही मिलेंगे जबकि पट्टा आवंटन केवल ई- टेंडरिंग के माध्यम से होगा। नई सरकार बनने के बाद खनन रुका हुआ है, इस वजह से प्रदेश में मौरंग की कीमत 55 रुपए बढ़कर अब 130 रुपए प्रति क्यूबिक फीट तक पहुंच चुकी है। इससे लोगों के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है।

ऐसे में सरकार जिन पट्टों पर स्टे नहीं है, वहां ई टेंडरिंग के जरिये दोबारा खनन शुरू करवाने जा रही है। हालांकि इसमें अनेक तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।

कालीन अवधि के लिए खनन पट्टों पर क्षेत्रों के व्यवस्थापन में समय लग रहा है। लगने वाले समय को देखते हुए अन्तरिम व्यवस्था के रूप में प्रदेश में बालू, मौरंग की अभूतपूर्व कमी को दूर किया जाएगा। नदी तल में उपलब्ध बालू और मौरंग को ई-टेंडरिंग प्रणाली के माध्यम से खनन पट्टा स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दी।

उन्होंने बताया कि खनन पट्टा उन्हीं क्षेत्रों पर स्वीकृत किया जाएगा जिनमें उच्च न्यायालय का कोई स्थगन आदेश न हो। खनन पट्टे की अवधि छह माह होगी जिसमें मानसून सत्र में खनन नहीं किया जा सकेगा। नदी तल में उपलब्ध उप खनिजों के रिक्त क्षेत्रों, खनिज की उपलब्धता परिवहन मार्ग की स्थिति और क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल सुरक्षित खनन को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र का निर्धारण किया जाएगा।

मौर्य ने बताया कि यूपी इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड को प्रदेश में भूतत्व एवं खनिज कर्म विभाग में ई-टेंडरिंग लागू किए जाने के लिए नोडल संस्था नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में माफिया के प्रभाव को समाप्त करने के लिए खनन के क्षेत्र में दीर्घकालिक नीति बनाई जाएगी। इसमें गरीबों को शोषण से बचाने के लिए हर सम्भव उपाय किए जाएंगे। बैठक में अन्य प्रदेशों से आने वाले मौरंग और बालू के ट्रकों को पुलिस विभाग द्वारा अनाधिकृत रूप से रोके जाने की शिकायतों पर कड़ी नाराजगी समिति के सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई व डीजीपी के माध्यम से समस्त जिलों को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया ताकि नियमानुसार लाई जा रही मौरंग के परिवहन में कोई दिक्कत न हो।

उन्होंने कहा कि सरकार मौरंग/बालू की बढ़ती दरों को कम करने के लिए प्रयासरत है और इस दिशा में जो भी जरूरी कदम होंगे उठाये जाएंगे, लेकिन ओवरलोडिंग किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और दारा सिंह चैहान अपर मुख्य सचिव खनिज राज प्रताप सिंह सहित खनिज विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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